एजेंसी, बगदाद।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 02 Jan 2022 12:25 AM IST
सार
पिता की तस्वीर के आगे बैठकर रगद सद्दाम हुसैन ने इराकी लोगों से कहा कि वे एक-दूसरे की शत्रुता को भुला दें और अरब के किसी गुट में शामिल नहीं हों।
सद्दाम हुसैन की बेटी रगद सद्दाम हुसैन (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया
इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को फांसी देने के 15 साल बाद उनकी बेटी रगद हुसैन ने देश के लोगों से एकता दिखाने और अरब जगत में बदलाव लाने के लिए उनकी भूमिका अदा करने को कहा है। रगद ने कहा, सभी संप्रदाय अपनी पृष्ठभूमि को छोड़कर एक-दूसरे को माफ कर दें और आपसी मतभेद भुलाकर देश की बड़ी ताकत बनें। सद्दाम हुसैन को 30 दिसंबर 2006 में फांसी मिली थी।
पिता की बड़ी सी तस्वीर के आगे बैठकर रगद सद्दाम हुसैन ने इराकी लोगों से कहा कि वे एक-दूसरे की शत्रुता को भुला दें और अरब के किसी गुट में शामिल नहीं हों। अपने पिता की 15वीं बरसी पर एक रिकॉर्डेड संदेश में रगद ने भविष्य में इराक की राजनीति में आने से इनकार नहीं किया। उन्होंने सुरक्षा बलों व ईरान समर्थित विद्रोहियों की प्रर्दशनकारियों पर गोलीबारी का हवाला देते हुए कहा, जिन लोगों ने अक्तूबर क्रांति में अपनों को खोया है, उन्हें इसके दोषियों को माफ नहीं करना चाहिए।
रगद की शादी स्कूल में पढ़ने के दौरान महज 15 साल की उम्र में हो गई थी और 1996 में 25 वर्ष की उम्र ने उन्होंने अपने परिजनों के कहने पर तलाक ले लिया और दो दिन बाद ही उनके पति की हत्या हो गई। 2018 में रगद का नाम तत्कालीन इराक सरकार ने मोस्ट वांटेड सूची में डाल दिया।
विस्तार
इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को फांसी देने के 15 साल बाद उनकी बेटी रगद हुसैन ने देश के लोगों से एकता दिखाने और अरब जगत में बदलाव लाने के लिए उनकी भूमिका अदा करने को कहा है। रगद ने कहा, सभी संप्रदाय अपनी पृष्ठभूमि को छोड़कर एक-दूसरे को माफ कर दें और आपसी मतभेद भुलाकर देश की बड़ी ताकत बनें। सद्दाम हुसैन को 30 दिसंबर 2006 में फांसी मिली थी।
पिता की बड़ी सी तस्वीर के आगे बैठकर रगद सद्दाम हुसैन ने इराकी लोगों से कहा कि वे एक-दूसरे की शत्रुता को भुला दें और अरब के किसी गुट में शामिल नहीं हों। अपने पिता की 15वीं बरसी पर एक रिकॉर्डेड संदेश में रगद ने भविष्य में इराक की राजनीति में आने से इनकार नहीं किया। उन्होंने सुरक्षा बलों व ईरान समर्थित विद्रोहियों की प्रर्दशनकारियों पर गोलीबारी का हवाला देते हुए कहा, जिन लोगों ने अक्तूबर क्रांति में अपनों को खोया है, उन्हें इसके दोषियों को माफ नहीं करना चाहिए।
रगद की शादी स्कूल में पढ़ने के दौरान महज 15 साल की उम्र में हो गई थी और 1996 में 25 वर्ष की उम्र ने उन्होंने अपने परिजनों के कहने पर तलाक ले लिया और दो दिन बाद ही उनके पति की हत्या हो गई। 2018 में रगद का नाम तत्कालीन इराक सरकार ने मोस्ट वांटेड सूची में डाल दिया।
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