बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Sat, 25 Sep 2021 12:00 PM IST
सार
भारती रिजर्व बैंक ने मुंबई के अपना सहकारी बैंक पर 79 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। अपना सहकारी बैंक ने एनपीए वर्गीकरण सहित कुछ निर्देशों का पालन नहीं किया था।
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विस्तार
इसलिए लगाया गया जुर्माना
अपना सहकारी बैंक ने एनपीए वर्गीकरण सहित कुछ निर्देशों का पालन नहीं किया था। इस संदर्भ में केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक के वैधानिक निरीक्षण से पता चला है कि उसने एनपीए वर्गीकरण, मृतक व्यक्तिगत जमाकर्ताओं के चालू खातों में जमा राशि पर ब्याज का भुगतान या दावों का निपटान करते समय और बचत बैंक खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाने के निर्देशों का पालन नहीं किया था।
केंद्रीय बैंक ने जारी किया था नोटिस
आरबीआई ने 31 मार्च 2019 को उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में अपना सहकारी बैंक का वैधानिक निरीक्षण किया था। इससे पहले आरबीआई ने एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कारण बताने के लिए कहा गया था कि इन निर्देशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।
इसके बाद इस नोटिस पर बैंक के जवाब, अतिरिक्त अनुपूरक उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने अपना सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया। हालांकि, इससे रिजर्व बैंक का उद्देश्य बैंक के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या उनके साथ समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।
पहले एक्सिस बैंक पर लगाया था जुर्माना
मालूम हो कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने केवाईसी नियमों के उल्लंघन को लेकर एक्सिस बैंक के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। आरबीआई ने 2016 में ‘अपने ग्राहकों को जानो’ (केवाईसी) नियमों के तहत सभी खातादारों से उनकी पहचान के दस्तावेज अनिवार्य रूप से लेने का आदेश दिया था। इसका पालन नहीं होने पर केंद्रीय बैंक अब तक कई बैंकों पर जुर्माना लगा चुका है।