न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sun, 05 Sep 2021 09:52 PM IST
सार
– भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये कांग्रेस द्वारा बनाई गई संस्थाएं नेहरू की दीर्घकालीन दृष्टि थी
– नेहरू की नीतियों के विपरीत है राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की आड़ में ढांचागत संस्थाओं को बेचना
शिवसेना सांसद संजय राउत
– फोटो : ANI
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विस्तार
शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक निकाय द्वारा जारी किए गए पोस्टर से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को हटाना केंद्र की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि आप नेहरू से इतनी नफरत क्यों करते हैं? उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र निर्माण में नेहरू और इंदिरा गांधी के अमर योगदान को नष्ट नहीं कर सकता। जो लोग पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा के अमर योगदान और नेहरू के योगदान को नकारेंगे, उन्हें इतिहास का खलनायक कहा जाएगा।
राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोखठोक’ में कहा कि शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) ने अपने पोस्टर से नेहरू और मौलाना अबुल कलाम आजाद की तस्वीरों को बाहर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का कार्य था।
राउत ने दावा किया, ‘जिन लोगों की स्वतंत्रता संग्राम में कोई भागीदारी नहीं थी और इतिहास रच रहे थे, वे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक को बाहर रख रहे हैं। राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से किया गया यह कृत्य अच्छा नहीं है और उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है।’
सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सदस्य ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद नेहरू की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान से कोई इनकार नहीं कर सकता है। राउत ने कहा, ‘नेहरू ने उनसे इतनी नफरत करने के लिए क्या किया है? वास्तव में, उनके द्वारा बनाए गए संस्थान अब भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए बेचे जा रहे हैं।’
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (हाल ही में केंद्र द्वारा घोषित) का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह नेहरू की ‘दीर्घकालिक दृष्टि’ के कारण थे, ताकि देश को आर्थिक तबाही से बचाया जा सके। राउत की पार्टी महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है। शिवसेना नेता ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में राज्य में पूर्व सीएम जयललिता और ईके पलानीस्वामी की तस्वीरों को स्कूल बैग से नहीं हटाने का फैसला किया, जो राज्य में बच्चों को मुफ्त में वितरित किए जा रहे थे।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा, ‘अगर वह (स्टालिन) राजनीतिक परिपक्वता दिखा सकते हैं, तो आप नेहरू से इतनी नफरत क्यों करते हैं? आपको राष्ट्र को जवाब देना है।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की आलोचना समझ में आती है। लेकिन केंद्र ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर अपनी नफरत को सार्वजनिक किया। राउत ने आगे दावा किया कि ‘आप राष्ट्र निर्माण में नेहरू और (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी के अमर योगदान को नष्ट नहीं कर सकते। जो लोग नेहरू के योगदान को नकारेंगे, उन्हें इतिहास का खलनायक कहा जाएगा।’