विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए श्रीलंका फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से एक राहत पैकेज का इंतजार कर रहा है। श्रीलंकाई सेंट्रल बैंक के गवर्नर पी. नंदलाल वीरसिंघे ने कहा, विदेशी कर्ज के भुगतान को अस्थायी तौर पर रोकने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, देश के लिए ऋण भुगतान चुनौतीपूर्ण और असंभव है। इसलिए इस समय यही सही फैसला है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि कर्ज देने वाले देश और दूसरे कर्जदाता उससे मंगलवार दोपहर से अपने कर्ज पर ब्याज ले सकते हैं या श्रीलंकाई रुपये में कर्ज का पैसा वापस ले सकते हैं। हमारे पास सीमित विदेशी मुद्रा भंडार ही बचा है, जिसका इस्तेमाल हम ईंधन जैसी जरूरी चीजों के आयात पर करेंगे। यानी श्रीलंका अब डॉलर में भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।
भारत का कर्ज 2 फीसदी
श्रीलंका को उम्मीद थी कि देश को 51 अरब डॉलर के विदेशी ऋण पर आईएमएफ से बेलआउट पैकेज मिल जाएगा, लेकिन उसे इसकी मंजूरी नहीं मिली है। इस कारण मजबूरी में उसे खुद को डिफॉल्टर घोषित करना पड़ा। श्रीलंका ने कुल कर्ज का 47 फीसदी हिस्सा डेट मार्केट से लिया है। कुल ऋण में चीन का कर्ज करीब 15 फीसदी, एशियन डेवलेपमेंट बैंक का 13 फीसदी, वर्ल्ड बैंक का 10 फीसदी, जापान का 10 फीसदी और भारत का 2 फीसदी है।
भारत ने नए साल के जश्न से पहले 11,000 मीट्रिक टन चावल पहुंचाए
श्रीलंका में 13 व 14 अप्रैल को मनाए जाने वाले नए साल के जश्न से पहले भारत से 11,000 मीट्रिक टन चावल मंगलवार को कोलंबो पहुंच गया है। पिछले सप्ताह ही भारत द्वारा श्रीलंका को 16,000 मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति की गई थी। यह आपूर्ति आगे भी जारी रहेगी। बता दें, श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच भारत ने ईंधन, सब्जियां, दैनिक राशन सामग्री और दवाओं की आपूर्ति कर देश की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है।
विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराने के साथ साथ लोगों को विरोध प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। दूसरी तरफ सरकार भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग कर रही है। कोलंबो में श्रीलंकाई संसद की तरफ विरोध रैली ले जा रहे सैकड़ों छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। इस बीच, श्रीलंकाई पीएम महिंदा राजपक्षे ने कहा है कि वह किसानों के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी को फिर से बहाल करेंगे।
पीएम ने कोरोना पर मढ़ा आर्थिक संकट का दोष
प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना पर आर्थिक संकट का दोष मढ़ा। उन्होंने कहा, कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। हमें लॉकडाउन लगाना पड़ा, इस वजह से देश का फॉरेन करेंसी रिजर्व खत्म हो गया। मैं और राष्ट्रपति देश को इस संकट से बाहर निकालने की हर पल कोशिश कर रहे हैं।
