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श्रीलंका: अपनी किताब से हुई आमदनी को धर्मार्थ कार्यों में खर्च कर देंगे रोशन महानामा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Mon, 20 Dec 2021 12:57 PM IST

सार

किताब के लोकार्पण के समय महानामा ने बताया कि उनकी नई किताब मुख्य रूप से उनके क्रिकेट करियर पर केंद्रित है। महानामा 1980-90 के दशकों में श्रीलंकाई टीम के प्रमुख खिलाड़ी थे। वे दायें हाथ के बल्लेबाज थे, जिन्होंने 52 टेस्ट मैचों में ढाई हजार से ज्यादा रन बनाए। 213 वन-डे मैचों में उन्होंने 5,162 रन बनाए…

क्रिकेटर रोशन महानमा
– फोटो : Agency (File Photo)

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श्रीलंका में पूर्व क्रिकेटर रोशन महानामा की नई किताब से उनके अपने करियर और उनके दौर के क्रिकेट के कई पहलुओं पर रोशनी पड़ने की आशा की जा रही है। श्रीलंका में इस किताब का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। महानामा ने ‘माई इनिंग्स’ नाम से ये किताब पूर्व क्रिकेटर अशान पीरिस के साथ मिल कर लिखी है।

सनत जयसूर्या को कहा था ‘ब्लैक मंकी’

महानामा की किताब को लेकर इतनी दिलचस्पी की वजह उनकी पिछली किताब है, जिससे सामने आई जानकारियों ने तहलका मचा दिया था। महानामा की पहली किताब ‘रिटायर्ड हर्ट’ नाम से दो दशक पहले आई थी। उस किताब से श्रीलंका और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के बीच खड़े हुए कई विवादों की अंदरूनी सूचना सार्वजनिक हुई थी। उनमें उस आरोप से संबंधित विवाद भी था कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या को ‘ब्लैक मंकी’ (काला बंदर) कहा था। उस किताब का प्रकाशन रुकवाने के लिए तब ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड कोर्ट चला गया था। लेकिन वह अपनी इस कोशिश में कामयाब नहीं हो सका।      

आईसीसी ने महानामा को बनाया था मैच रेफरी

किताब के लोकार्पण के समय महानामा ने बताया कि उनकी नई किताब मुख्य रूप से उनके क्रिकेट करियर पर केंद्रित है। महानामा 1980-90 के दशकों में श्रीलंकाई टीम के प्रमुख खिलाड़ी थे। वे दायें हाथ के बल्लेबाज थे, जिन्होंने 52 टेस्ट मैचों में ढाई हजार से ज्यादा रन बनाए। 213 वन-डे मैचों में उन्होंने 5,162 रन बनाए। अपनी नई किताब के बारे में उन्होंने श्रीलंका के अखबार आईलैंड को बताया- ‘इस किताब से लोगों को यह जानकारी मिलेगी कि एक खिलाड़ी और फिर मैच रेफरी के रूप में मुझे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।’ रिटायर होने के बाद आईसीसी ने महानामा को मैच रेफरी नियुक्त किया था।

श्रीलंकाई क्रिकेट में महानामा को सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में एक गिना जाता है। हाल में ये चर्चा रही है कि उन्हें श्रीलंकाई टीम का कोच बनाया जा सकता है। द आईलैंड से बातचीत में महानामा ने कहा कि वे ये नई चुनौती स्वीकार करने को अब तैयार हैं। उन्होंने कहा- ‘मैच रेफरी के रूप में मेरी भूमिका कम चुनौती भरी नहीं रही है। मैंने अपने आलोचकों को गलत साबित करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। मुझे लगता है कि जीवन में हम जिस बात को सही मानते हैं उसके और अपने सिद्धांतों के पक्ष में हमें खड़ा होना चाहिए। इस किताब के एक अध्याय में मैंने अपने देश के युवा लोगों को यही संदेश देने की कोशिश की है।’

द आईलैंड से बातचीत के दौरान संकेत मिला कि महानामा पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान और अब देश के प्रधानमंत्री इमरान खान से खासे प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा- ‘इमरान खान ने एक बार कहा था कि जीवन में वही लोग सफल होते हैं, जो पहले कभी नाकाम होते हैं, लेकिन अपनी गलती समझ कर सुधार कर लेते हैं।’ महानामा ने एलान किया है कि इस किताब से होने वाली तमाम आमदनी वे धर्मार्थ कार्यों के लिए दान दे देंगे। खास कर ये रकम कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए खर्च की जाएगी। इमरान खान भी अपने देश में कैंसर अस्पताल बनवाने के लिए चर्चित रहे हैं।

विस्तार

श्रीलंका में पूर्व क्रिकेटर रोशन महानामा की नई किताब से उनके अपने करियर और उनके दौर के क्रिकेट के कई पहलुओं पर रोशनी पड़ने की आशा की जा रही है। श्रीलंका में इस किताब का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। महानामा ने ‘माई इनिंग्स’ नाम से ये किताब पूर्व क्रिकेटर अशान पीरिस के साथ मिल कर लिखी है।

सनत जयसूर्या को कहा था ‘ब्लैक मंकी’

महानामा की किताब को लेकर इतनी दिलचस्पी की वजह उनकी पिछली किताब है, जिससे सामने आई जानकारियों ने तहलका मचा दिया था। महानामा की पहली किताब ‘रिटायर्ड हर्ट’ नाम से दो दशक पहले आई थी। उस किताब से श्रीलंका और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के बीच खड़े हुए कई विवादों की अंदरूनी सूचना सार्वजनिक हुई थी। उनमें उस आरोप से संबंधित विवाद भी था कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या को ‘ब्लैक मंकी’ (काला बंदर) कहा था। उस किताब का प्रकाशन रुकवाने के लिए तब ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड कोर्ट चला गया था। लेकिन वह अपनी इस कोशिश में कामयाब नहीं हो सका।      

आईसीसी ने महानामा को बनाया था मैच रेफरी

किताब के लोकार्पण के समय महानामा ने बताया कि उनकी नई किताब मुख्य रूप से उनके क्रिकेट करियर पर केंद्रित है। महानामा 1980-90 के दशकों में श्रीलंकाई टीम के प्रमुख खिलाड़ी थे। वे दायें हाथ के बल्लेबाज थे, जिन्होंने 52 टेस्ट मैचों में ढाई हजार से ज्यादा रन बनाए। 213 वन-डे मैचों में उन्होंने 5,162 रन बनाए। अपनी नई किताब के बारे में उन्होंने श्रीलंका के अखबार आईलैंड को बताया- ‘इस किताब से लोगों को यह जानकारी मिलेगी कि एक खिलाड़ी और फिर मैच रेफरी के रूप में मुझे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।’ रिटायर होने के बाद आईसीसी ने महानामा को मैच रेफरी नियुक्त किया था।

श्रीलंकाई क्रिकेट में महानामा को सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में एक गिना जाता है। हाल में ये चर्चा रही है कि उन्हें श्रीलंकाई टीम का कोच बनाया जा सकता है। द आईलैंड से बातचीत में महानामा ने कहा कि वे ये नई चुनौती स्वीकार करने को अब तैयार हैं। उन्होंने कहा- ‘मैच रेफरी के रूप में मेरी भूमिका कम चुनौती भरी नहीं रही है। मैंने अपने आलोचकों को गलत साबित करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। मुझे लगता है कि जीवन में हम जिस बात को सही मानते हैं उसके और अपने सिद्धांतों के पक्ष में हमें खड़ा होना चाहिए। इस किताब के एक अध्याय में मैंने अपने देश के युवा लोगों को यही संदेश देने की कोशिश की है।’

द आईलैंड से बातचीत के दौरान संकेत मिला कि महानामा पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान और अब देश के प्रधानमंत्री इमरान खान से खासे प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा- ‘इमरान खान ने एक बार कहा था कि जीवन में वही लोग सफल होते हैं, जो पहले कभी नाकाम होते हैं, लेकिन अपनी गलती समझ कर सुधार कर लेते हैं।’ महानामा ने एलान किया है कि इस किताब से होने वाली तमाम आमदनी वे धर्मार्थ कार्यों के लिए दान दे देंगे। खास कर ये रकम कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए खर्च की जाएगी। इमरान खान भी अपने देश में कैंसर अस्पताल बनवाने के लिए चर्चित रहे हैं।

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