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विजन 2030: तालिबान ने लगाया सांसों पर भी पहरा, सउदी अरब ने महिलाओं को सौँपी मस्जिदों की जिम्मेदारी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, रियाद
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 27 Sep 2021 08:25 AM IST

सार

विजन 2030 के तहत सउदी अरब में तेजी से महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। मस्जिदों की सुरक्षा से लेकर प्रशासनिक कार्यों तक में महिलाओं की तैनाती की गई है। 

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तालिबान के शासन के बाद इस्लामिक देश अफगानिस्तान में जहां महिलाओं के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। पढ़ने से लेकर उन्हें घर से बाहर निकलने तक में पाबंदियों को सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस्लामिक देश सउदी अरब ने महिला सशक्तिकरण की ऐसी मिशाल पेश की है, जिसने विश्व के सामने उसकी छवि को बदल कर ही रख दिया है। 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक महिला सशक्तिकरण की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए सउदी अरब की दो बड़ी मस्जिदों में करीब 600 प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अरब की इन दो पवित्र मस्जिदों में एजेंसियों के माध्यम से 600 महिलाओं की तैनाती की गई है। इसमें वूमेन डेवलपमेंट अफेयर्स एजेंसी में महिला विकास मामलों के उपाध्यक्ष अल-अनौद अल-अबौत के नेतृत्व में 310 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। 

वैज्ञानिक से लेकर प्रशासनिक कामों में महिलाएं 
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों मस्जिदों में तैनात महिलाओं में से करीब 200 महिलाएं वैज्ञानिक, बौद्धिक काम कर रही हैं। वहीं बाकी की महिलाएं प्रशासनिक व सेवा कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। 

पहले हो चुकी है महिला सैनिकों की तैनाती 
इसी साल भी सउदी अरब की दो मस्जिदों, मक्का व मदीना में महिला सैनिकों की तैनाती की गई थी। खाकी वर्दी में तैनात महिलाएं इन मस्जिदों की सुरक्षा संभाल रही हैं। वहीं करीब 100 महिलाओं को काबा में आने वालों की सेवा के लिए तैनात किया गया था। 

सउदी का विजन 2030
पिछले कुछ सालों मं सउदी अरब में कई क्षेत्रों में महिलाओं को प्रवेश मिला है। बता दें सउदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में विजन 2030 के तहत कई क्षेत्र महिलाओं के लिए खोले गए हैं। इससे पहले सउदी का रक्षा मंत्रालय भी घोषणा कर चुका है कि सेना में विभिन्न पदों के लिए महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं। पिछले साल दिसंबर में ही मस्जिद अल हर में करीब 1500 महिलाओं की तैनाती की गई थी। 

विस्तार

तालिबान के शासन के बाद इस्लामिक देश अफगानिस्तान में जहां महिलाओं के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। पढ़ने से लेकर उन्हें घर से बाहर निकलने तक में पाबंदियों को सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस्लामिक देश सउदी अरब ने महिला सशक्तिकरण की ऐसी मिशाल पेश की है, जिसने विश्व के सामने उसकी छवि को बदल कर ही रख दिया है। 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक महिला सशक्तिकरण की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए सउदी अरब की दो बड़ी मस्जिदों में करीब 600 प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अरब की इन दो पवित्र मस्जिदों में एजेंसियों के माध्यम से 600 महिलाओं की तैनाती की गई है। इसमें वूमेन डेवलपमेंट अफेयर्स एजेंसी में महिला विकास मामलों के उपाध्यक्ष अल-अनौद अल-अबौत के नेतृत्व में 310 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। 

वैज्ञानिक से लेकर प्रशासनिक कामों में महिलाएं 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों मस्जिदों में तैनात महिलाओं में से करीब 200 महिलाएं वैज्ञानिक, बौद्धिक काम कर रही हैं। वहीं बाकी की महिलाएं प्रशासनिक व सेवा कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। 

पहले हो चुकी है महिला सैनिकों की तैनाती 

इसी साल भी सउदी अरब की दो मस्जिदों, मक्का व मदीना में महिला सैनिकों की तैनाती की गई थी। खाकी वर्दी में तैनात महिलाएं इन मस्जिदों की सुरक्षा संभाल रही हैं। वहीं करीब 100 महिलाओं को काबा में आने वालों की सेवा के लिए तैनात किया गया था। 

सउदी का विजन 2030

पिछले कुछ सालों मं सउदी अरब में कई क्षेत्रों में महिलाओं को प्रवेश मिला है। बता दें सउदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में विजन 2030 के तहत कई क्षेत्र महिलाओं के लिए खोले गए हैं। इससे पहले सउदी का रक्षा मंत्रालय भी घोषणा कर चुका है कि सेना में विभिन्न पदों के लिए महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं। पिछले साल दिसंबर में ही मस्जिद अल हर में करीब 1500 महिलाओं की तैनाती की गई थी। 

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