बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 24 Feb 2022 02:18 PM IST
सार
Sensex Got Biggest Fall Of This Year: गुरुवार को शेयर बाजार के लिए बुरा दिन साबित हुआ और बीएसई के सेंसेक्स ने इस साल की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी। सेंसेक्स 2702 अंक तक लुढ़ककर बंद हुआ। कोरोना महामारी के बाद ऐसे कई मौके आए जब सेंसेक्स ने बड़ी गिरावट देखी, लेकिन आज आई गिरावट का कारण कोरोना नहीं बल्कि रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध है।
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विस्तार
कोरोना काल से अब तक बड़ी गिरावटें
साल 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने के बाद से शेयर बाजार कई बार धराशयी हुआ है। सेंसेक्स ने महामारी के दौरान अब तक के इतिहास की कई बड़ी गिरावटें देखी हैं। इनमें सबसे बड़ी गिरावट 23 मार्च 2020 को आई थी जब सेंसेक्स 3934 अंक टूट गया था। इसके बाद कई ऐसे मौके आए जब सेंसेक्स ने निवेशकों का भारी नुकसान कराया। यह सिलसिला 2022 में भी देखने को मिल रहा है और महज डेढ़ महीने के भीतर ही कई बार टूट चुका है, इस बीच तीन बड़ी गिरावटें इसमें देखी गई हैं।
सेंसेक्स का बुरा दौर
तारीख | वर्ष | गिरावट |
12 मार्च | 2020 | 2919 |
16 मार्च | 2020 | 2713 |
23 मार्च | 2020 | 3934 |
04 मई | 2020 | 2002 |
18 मई | 2020 | 1068 |
26 फरवरी | 2021 | 1939 |
12 अप्रैल | 2021 | 1707 |
26 नवंबर | 2021 | 1687 |
24 जनवरी | 2022 | 1546 |
07 फरवरी | 2022 | 1024 |
24 फरवरी | 2022 | 2702 |
बाजार में गिरावट की वजह
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में खुलने के साथ ही आई बड़ी गिरावट का वैसे तो प्रमुख कारण रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ संघर्ष है। राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के एलान के तुरंत बाद ही दुनियाभर के बाजारों में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के तीन प्रमुख कारण इस प्रकार हैं।
पहला कारण
शेयर बाजार में आए भूचाल के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार रूस और यूक्रन के बीच जारी तनाव है। पुतिन के संबोधन के बाद निवेशकों की धारणाओं पर असर पड़ा और एकदम से बाजार धराशायी हो गए। खबर के अनुसार, पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैन्य कार्रवाई शुरू करने की घोषणा के बाद रूसी सेना कुछ यूक्रेनी शहरों पर बमबारी कर रही थी। निवेशकों के नजरिए से रूस की कार्रवाई संभवत: सबसे खराब स्थिति है।
दूसरा कारण
रूस-यूक्रेन संकट के कारण साल 2014 के बाद पहली बार वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गईं, इसका असर भी निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़ा है। बता दें कि रूस पुतिन के युद्ध की घोषणा से एनर्जी एक्सपोर्ट में व्यवधान की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें कि रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है, जो मुख्य रूप से यूरोपीय रिफाइनरियों को कच्चा तेल बेचता है। यूरोप के देश 20 फीसदी से ज्यादा तेल रूस से ही लेते हैं।
तीसरा कारण
वहीं तीसरे कारण की बात करें तो फरवरी डेरिवेटिव श्रृंखला गुरुवार को समाप्त हो रही है। भारत वीआईएक्स शुरुआती कारोबार में 22.39 फीसदी चढ़कर 30.16 पर पहुंच गया है। बाजार की नकारात्मक धारणा के बीच मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों को बड़ा झटका लगा है। आज के कारोबार में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में क्रमश: 576 अंक और 804 अंक की गिरावट आई।