videsh

रूस : धांधली के आरोपों के बीच आम चुनाव में फिर से जीती पुतिन की पार्टी, मिले 50 फीसदी वोट

सार

रूस में संसदीय चुनावों में पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया एक बार फिर लगभग बड़ी जीत हासिल कर चुकी है। चुनाव में पार्टी को करीब 50 फीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी को 20 फीसदी मत ही मिले हैं।

ख़बर सुनें

रूस में व्लादिमीर पुतिन की एक बार फिर देश के मुखिया के रूप में मजबूत पकड़ होगी। संसदीय चुनावों में पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया एक बार फिर लगभग बड़ी जीत हासिल कर चुकी है। हालांकि इस बार मत प्रतिशत में कुछ कमी आई है।

संसदीय चुनाव में 80 फीसदी मतों की गिनती में यूनाइटेड रशिया को मिले 50 फीसदी वोट
80 फीसदी मतों की गिनती के बाद शुरुआती नतीजों में पुतिन की पार्टी को करीब 50 फीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी को 20 फीसदी मत ही मिले हैं। सत्ताधारी पार्टी ने रविवार शाम को चुनाव खत्म होने से कुछ घंटे पहले ही जीत का दावा कर दिया था।

इस चुनाव में पुतिन के प्रमुख और मुखर आलोचकों को हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। आलोचकों ने चुनाव में जबरन मतदान कराने और मतपत्र से छेड़खानी तथा फर्जीवाड़े के आरोप लगाए लेकिन चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज कर दिया।

इस चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के 20 फीसदी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। अब तक जो नतीजे आ चुके हैं उनसे रूस का राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना नहीं है। 68 वर्षीय पुतिन 1999 से प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में हैं और 2024 में अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले क्रेमलिन पर अब भी उनका ही वर्चस्व रहेगा। संसद में आम तौर पर पुतिन की पहल का समर्थन करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में आठ फीसदी का इजाफा देखा गया है।  

नवलनी के चलते अहम विपक्ष की मौजूदगी नहीं
रूसी अधिकारियों ने जेल में बंद क्रेमलिन (रूसी संसद) के आलोचक एलेक्सी नवलनी के भ्रष्टाचार के आरोपों को समर्थन नहीं दिया और उनसे जुड़े संगठन को चरमपंथी घोषित कर दिया। इस कारण चुनाव में महत्वपूर्ण विपक्ष की उपस्थिति का अभाव देखा गया। हालांकि क्रेमलिन के आलोचकों ने बड़े पैमाने पर मतों में धांधली का आरोप लगाया लेकिन रूसी चुुनाव आयोग ने उसे उन्हें खारिज कर दिया।

सत्ता पर पुतिन की पकड़ मजबूत
मौजूदा संसदीय आम चुनाव को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्ता पर पुतिन की पकड़ को मजबूत बनाने की उनकी कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान संसद (स्टेट डूमा) पर नियंत्रण बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। बता दें कि पुतिन ने चुनाव पूर्व ही अपनी पार्टी के संसद में प्रभुत्व की आशा जताई थी, जहां उसके पास अभी 450 में से 334 सीटें हैं।

पार्टी ने मनाया जश्न, पुतिन एकांतवास में
पुतिन की पार्टी ने संसदीय चुनाव जीत लिया है और शुरुआती नतीजों के बाद ही पार्टी ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया। पार्टी के समर्थकों ने ‘रोसियो… रोसिया के नारे लगाते हुए बारिश के बावजूद मॉस्को की सड़कों पर जुलूस निकाला। वे लोग नारे लगा रहे थे, हम पुतिन की टीम हैं।

पार्टी के अधिकारियों ने कहा है कि देश पुतिन के रास्ते पर बढ़ता रहेगा। मॉस्को के मेयर सर्गई सोब्यानिन ने कहा इन चुनावों का नतीजा जश्न का दिन है। नतीजों के ऐलान के बाद राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन मॉस्को स्थित प्रचार मुख्यालय नहीं गए क्योंकि वह कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बाद से एकांतवास में हैं।

विस्तार

रूस में व्लादिमीर पुतिन की एक बार फिर देश के मुखिया के रूप में मजबूत पकड़ होगी। संसदीय चुनावों में पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया एक बार फिर लगभग बड़ी जीत हासिल कर चुकी है। हालांकि इस बार मत प्रतिशत में कुछ कमी आई है।

संसदीय चुनाव में 80 फीसदी मतों की गिनती में यूनाइटेड रशिया को मिले 50 फीसदी वोट

80 फीसदी मतों की गिनती के बाद शुरुआती नतीजों में पुतिन की पार्टी को करीब 50 फीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी को 20 फीसदी मत ही मिले हैं। सत्ताधारी पार्टी ने रविवार शाम को चुनाव खत्म होने से कुछ घंटे पहले ही जीत का दावा कर दिया था।

इस चुनाव में पुतिन के प्रमुख और मुखर आलोचकों को हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। आलोचकों ने चुनाव में जबरन मतदान कराने और मतपत्र से छेड़खानी तथा फर्जीवाड़े के आरोप लगाए लेकिन चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज कर दिया।

इस चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के 20 फीसदी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। अब तक जो नतीजे आ चुके हैं उनसे रूस का राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना नहीं है। 68 वर्षीय पुतिन 1999 से प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में हैं और 2024 में अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले क्रेमलिन पर अब भी उनका ही वर्चस्व रहेगा। संसद में आम तौर पर पुतिन की पहल का समर्थन करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में आठ फीसदी का इजाफा देखा गया है।  

नवलनी के चलते अहम विपक्ष की मौजूदगी नहीं

रूसी अधिकारियों ने जेल में बंद क्रेमलिन (रूसी संसद) के आलोचक एलेक्सी नवलनी के भ्रष्टाचार के आरोपों को समर्थन नहीं दिया और उनसे जुड़े संगठन को चरमपंथी घोषित कर दिया। इस कारण चुनाव में महत्वपूर्ण विपक्ष की उपस्थिति का अभाव देखा गया। हालांकि क्रेमलिन के आलोचकों ने बड़े पैमाने पर मतों में धांधली का आरोप लगाया लेकिन रूसी चुुनाव आयोग ने उसे उन्हें खारिज कर दिया।

सत्ता पर पुतिन की पकड़ मजबूत

मौजूदा संसदीय आम चुनाव को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्ता पर पुतिन की पकड़ को मजबूत बनाने की उनकी कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान संसद (स्टेट डूमा) पर नियंत्रण बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। बता दें कि पुतिन ने चुनाव पूर्व ही अपनी पार्टी के संसद में प्रभुत्व की आशा जताई थी, जहां उसके पास अभी 450 में से 334 सीटें हैं।

पार्टी ने मनाया जश्न, पुतिन एकांतवास में

पुतिन की पार्टी ने संसदीय चुनाव जीत लिया है और शुरुआती नतीजों के बाद ही पार्टी ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया। पार्टी के समर्थकों ने ‘रोसियो… रोसिया के नारे लगाते हुए बारिश के बावजूद मॉस्को की सड़कों पर जुलूस निकाला। वे लोग नारे लगा रहे थे, हम पुतिन की टीम हैं।

पार्टी के अधिकारियों ने कहा है कि देश पुतिन के रास्ते पर बढ़ता रहेगा। मॉस्को के मेयर सर्गई सोब्यानिन ने कहा इन चुनावों का नतीजा जश्न का दिन है। नतीजों के ऐलान के बाद राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन मॉस्को स्थित प्रचार मुख्यालय नहीं गए क्योंकि वह कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के बाद से एकांतवास में हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

13
Desh

कांग्रेस : सोशल मीडिया डिपार्टमेंट ने प्रस्ताव पारित कर जल्द से जल्द राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने की मांग की 

12
Entertainment

Sonu Sood: 20 करोड़ की टैक्स चोरी पर आया सोनू सूद का बयान, कहा- 'कर भला तो हो भला'

To Top
%d bloggers like this: