videsh

Corona in world: विदेशी यात्रा पाबंदियों में ढील देंगे बाइडन, ब्रिटेन पर टीकाकरण नियम की समीक्षा का दबाव

सार

एक तरफ जो बाइडन टीका नहीं लेने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए जांच नियमों को भी कड़ा करने जा रहे हैं वहीं, ब्रिटेन में विदेशियों के लिए टीकाकरण नीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 

ख़बर सुनें

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिका में विदेश यात्रा प्रतिबंधों में ढील देंगे और इसकी शुरुआत नवंबर में होगी। वहीं, ब्रिटेन सरकार पर भारतीय यात्रियों के टीकाकरण नीति को लेकर दबाव पड़ रहा है।  

अमेरिकी की यात्रा करने वाले विदेशियों के लिए नियम 
व्हाइट हाउस के कोविड-19 समन्वयक जेफ जेंट्स ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की यात्रा करने वाले सभी विदेशी यात्रियों को बोर्डिंग से पहले टीकाकरण के प्रमाण के साथ-साथ एक कोविड-19 निगेटिव जांच रिपोर्ट भी दिखानी होगी जो उड़ान से तीन दिनों के भीतर की होगी।

बाइडन टीका नहीं लेने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए जांच नियमों को भी कड़ा करेंगे जिन्हें अमेरिका वापसी से एक दिन के पहले और देश पहुंचने पर जांच करानी होगी। जेंट्स ने कहा कि टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्रियों को क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं होगी। 

ब्रिटेन पर पड़ रहा टीकाकरण नियम की समीक्षा का दबाव
वहीं, ब्रिटेन सरकार पर भारत से आने वाले यात्रियों के लिए अपने कोविड-19 टीके को लेकर तय नियम की समीक्षा करने का दबाव बढ़ रहा है। अगले महीने से लागू होने वाले नियम के अनुसार विभिन्न देशों के टीकों को लेकर जारी सूची में भारतीय टीकों को मान्यता नहीं दी गई है।

ब्रिटेन की यात्रा को लेकर लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है। चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अभी एम्बर सूची में है।

अगर एम्बर सूची खत्म होती है तो केवल कुछ यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी। जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी उसमें भारत शामिल नहीं है। यानि जो भारतीय देश में कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे, उन्हें पीसीआर जांच करानी होगी और तय पतों पर पृथकवास में रहना होगा।

ब्रिटेन में नेशनल इंडियन स्टूडेंट एंड एलुमनाई यूनियन (एआईएसएयू) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा कि भारतीय छात्र इस बात से परेशान हैं कि उन्हें लगता है कि यह एक भेदभावपूर्ण कदम है क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ के उनके समकक्षों की तुलना में उनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है। 

बता दें कि ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने पिछले सप्ताह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान इस मामले को उठाया था।

विस्तार

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिका में विदेश यात्रा प्रतिबंधों में ढील देंगे और इसकी शुरुआत नवंबर में होगी। वहीं, ब्रिटेन सरकार पर भारतीय यात्रियों के टीकाकरण नीति को लेकर दबाव पड़ रहा है।  

अमेरिकी की यात्रा करने वाले विदेशियों के लिए नियम 

व्हाइट हाउस के कोविड-19 समन्वयक जेफ जेंट्स ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की यात्रा करने वाले सभी विदेशी यात्रियों को बोर्डिंग से पहले टीकाकरण के प्रमाण के साथ-साथ एक कोविड-19 निगेटिव जांच रिपोर्ट भी दिखानी होगी जो उड़ान से तीन दिनों के भीतर की होगी।

बाइडन टीका नहीं लेने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए जांच नियमों को भी कड़ा करेंगे जिन्हें अमेरिका वापसी से एक दिन के पहले और देश पहुंचने पर जांच करानी होगी। जेंट्स ने कहा कि टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्रियों को क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं होगी। 

ब्रिटेन पर पड़ रहा टीकाकरण नियम की समीक्षा का दबाव

वहीं, ब्रिटेन सरकार पर भारत से आने वाले यात्रियों के लिए अपने कोविड-19 टीके को लेकर तय नियम की समीक्षा करने का दबाव बढ़ रहा है। अगले महीने से लागू होने वाले नियम के अनुसार विभिन्न देशों के टीकों को लेकर जारी सूची में भारतीय टीकों को मान्यता नहीं दी गई है।

ब्रिटेन की यात्रा को लेकर लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है। चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अभी एम्बर सूची में है।

अगर एम्बर सूची खत्म होती है तो केवल कुछ यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी। जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी उसमें भारत शामिल नहीं है। यानि जो भारतीय देश में कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे, उन्हें पीसीआर जांच करानी होगी और तय पतों पर पृथकवास में रहना होगा।

ब्रिटेन में नेशनल इंडियन स्टूडेंट एंड एलुमनाई यूनियन (एआईएसएयू) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा कि भारतीय छात्र इस बात से परेशान हैं कि उन्हें लगता है कि यह एक भेदभावपूर्ण कदम है क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ के उनके समकक्षों की तुलना में उनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है। 

बता दें कि ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने पिछले सप्ताह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान इस मामले को उठाया था।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

13
Desh

कांग्रेस : सोशल मीडिया डिपार्टमेंट ने प्रस्ताव पारित कर जल्द से जल्द राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने की मांग की 

12
videsh

रोमांच से भरा स्पेस टूरिज्म: अंतरिक्ष में तीन दिन की छुट्टियां बिताकर लौटे चार यात्री, तस्वीरों में देखें रवाना होने से लौटने तक की यात्रा

12
Desh

एनसीआरबी: मानव तस्करी कोरोना काल में भी नहीं घटी, कुल पीड़ितों में पचास फीसदी नाबालिग

To Top
%d bloggers like this: