न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 05 Apr 2022 10:31 PM IST
सार
भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता का अगला चरण 11 अप्रैल को वॉशिंगटन में निर्धारित है। हालांकि अभी वार्ता को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
एंटनी ब्लिंकन और एस जयशंकर
– फोटो : ANI
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विस्तार
भारत और अमेरिका के बीच होने वाली सालाना ‘2+2’ वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की और यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की। टेलीफोन पर हुई बातचीत में जयशंकर और ब्लिंकन ने द्विपक्षीय संबंधों पर भी विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे बीच टू प्लस टू वार्ता से पहले विदेश मंत्री ब्लिंकन से बात की। द्विपक्षीय मुद्दों और यूक्रेन से संबंधित नवीनतम घटनाओं पर चर्चा की।’’
एक हफ्ते में जयशंकर और ब्लिंकन के बीच टेलीफोन पर दूसरी बार बातचीत हुई है। यह वार्ता ऐसे वक्त हुई है जब रूस से बड़ी मात्रा में रियायती कच्चा तेल खरीदने के भारत के संकेत पर पश्चिमी देशों के बीच बेचैनी बढ़ गई है। भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता का अगला चरण 11 अप्रैल को वॉशिंगटन में निर्धारित है। इस वार्ता में यूक्रेन का मुद्दा छाए रहने की संभावना है। हालांकि अभी वार्ता को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने अमेरिकी समकक्ष ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ बातचीत करने के लिए वॉशिंगटन की यात्रा पर जाने वाले हैं।
रूस के विदेश मंत्री ने पिछले हफ्ते किया था भारत का दौरा
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। लावरोव ने कहा था कि मास्को ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की ‘‘बाधाओं’’ को दरकिनार करने के लिए भारत और अन्य भागीदारों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।
पिछले हफ्ते भारत दौरे पर आए थे अमेरिका के डिप्टी एनएसए
पिछले हफ्ते अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने भी भारत का दौरा किया था। सिंह ने आगाह किया था कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को ‘‘बाधित या नजरअंदाज’’ करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने वाले देशों को परिणाम भुगतने होंगे और वाशिंगटन रूस से ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के भारत के आयात में ‘तेजी’ नहीं देखना चाहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी हाल में यूक्रेन में संकट पर भारत के रुख को लेकर परोक्ष रूप से निशाना साधा था।
