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रिपोर्ट: रीट-इनविट से करें शेयर बाजार में सुरक्षित निवेश 

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 09 Aug 2021 08:21 AM IST

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सरकारी योजनाओं सहित सुरक्षित निवेश वाली अधिकतर बचत में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं और इक्विटी में जोखिम का डर है। रीट और इनविट जैसे नए विकल्प इस तरह के छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में भी सुरक्षा की गारंटी देते हैं। यह विकल्प किस तरह का काम करता है और छोटे निवेशक कैसे इसका चुनाव करें, पूरी जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

10 हजार के निवेश से बड़ी परियोजनाओं में हिस्सा 
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए अब बड़ी परियोजनाओं में पैसे लगाना आसान हो गया है। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) व बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) से जुड़ी कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट के लिए धन जुटाने की मंशा से आईपीओ लाती हैं।

आईपीओ से जुटाया गया धन आवासीय और वाणिज्यिक इमारतों, सड़क, पुल, बिजली ग्रिड या अन्य बुनियादी निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं में लगता है। आईपीओ की कीमत 10 से 15 हजार रुपये होती है। परियोजनाओं से मिला लाभ ही निवेशकों का रिटर्न होता है। 

पोर्टफोलियो बनाने में मददगार
रीट-इनविट निवेश का नया विकल्प होने के कारण यहां पैसे लगाने से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है। आपको देखना होगा कि कंपनियां जुटाई गई पूंजी को किस तरह की परियोजना में निवेश करती हैं। यहां से रिटर्न की कितनी गुंजाइश है। अन्य सुरक्षित योजनाओं में ब्याज कम हो रहा है तो यह ज्यादा ब्याज दिलाने के साथ पोर्टफोलियो में विविधता लाने में भी मददगार हो सकता है। -कार्तिक जावेरी, निदेशक (वेल्थ मैनेजमेंट), ट्रांसेंड कंसल्टिंग

दो तरह से देना होगा टैक्स 

  • निवेशक को उसकी यूनिट पर रीट-इनविट कंपनी की ओर से ब्याज या लाभांश दिया जाता है। तो यह राशि टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर के तहत होगी। निवेशक को रिटर्न भरते समय अन्य स्रोत से कमाई में इसका जिक्र करना होगा। टैक्स दर सिलेब के अनुसार है, जो अधिकतम 30 फ़ीसदी होगी।
  • यूनिट बेचने पर लाभ हुआ, तो कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। निवेशक ने यूनिट खरीदने के 3 साल के भीतर इसे बेचा है तो मुनाफे पर 15 फ़ीसदी कम अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। अगर 3 साल बाद यूनिट वेट से हैं तो 1 लाख से ज्यादा के मुनाफे पर 10 फ़ीसदी लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगेगा।
बांड और म्यूचुअल फंड से ज्यादा रिटर्न 
रीट और इनविट के जरिए बाजार में आए आईपीओ ने पिछले 1 साल में सरकारी बांड, एफडी और डेट म्युचुअल फंड से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। कंपनियां रिटर्न को हर तिमाही या समय में लाभांश के रूप में देती हैं।

90 प्रतिशत मुनाफा निवेशकों में बांटा जाता है रीट इनविट में
रीट से जुटाई 80 फ़ीसदी रकम को मुनाफे वाली परियोजना में लगाया जाता है और रिटर्न की 90 फ़ीसदी राशि निवेशकों में बंट जाती है।

3.85 लाख करोड़ के आईपीओ में अवसर 
इंडिया ग्रिड और पावर ग्रिड जैसे इनविट से बाजार को उत्साह मिला है। दोनों आईपीओ ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। अगले दो-तीन साल में 3.85 लाख करोड़ के रीट और इनविट बाजार में सूचीबद्ध होंगे। सरकार भी बुनियादी परियोजनाओं में 115 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य लेकर चल रही है। 

विस्तार

सरकारी योजनाओं सहित सुरक्षित निवेश वाली अधिकतर बचत में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं और इक्विटी में जोखिम का डर है। रीट और इनविट जैसे नए विकल्प इस तरह के छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में भी सुरक्षा की गारंटी देते हैं। यह विकल्प किस तरह का काम करता है और छोटे निवेशक कैसे इसका चुनाव करें, पूरी जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

10 हजार के निवेश से बड़ी परियोजनाओं में हिस्सा 

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए अब बड़ी परियोजनाओं में पैसे लगाना आसान हो गया है। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) व बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) से जुड़ी कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट के लिए धन जुटाने की मंशा से आईपीओ लाती हैं।

आईपीओ से जुटाया गया धन आवासीय और वाणिज्यिक इमारतों, सड़क, पुल, बिजली ग्रिड या अन्य बुनियादी निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं में लगता है। आईपीओ की कीमत 10 से 15 हजार रुपये होती है। परियोजनाओं से मिला लाभ ही निवेशकों का रिटर्न होता है। 

पोर्टफोलियो बनाने में मददगार

रीट-इनविट निवेश का नया विकल्प होने के कारण यहां पैसे लगाने से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है। आपको देखना होगा कि कंपनियां जुटाई गई पूंजी को किस तरह की परियोजना में निवेश करती हैं। यहां से रिटर्न की कितनी गुंजाइश है। अन्य सुरक्षित योजनाओं में ब्याज कम हो रहा है तो यह ज्यादा ब्याज दिलाने के साथ पोर्टफोलियो में विविधता लाने में भी मददगार हो सकता है। -कार्तिक जावेरी, निदेशक (वेल्थ मैनेजमेंट), ट्रांसेंड कंसल्टिंग

दो तरह से देना होगा टैक्स 

  • निवेशक को उसकी यूनिट पर रीट-इनविट कंपनी की ओर से ब्याज या लाभांश दिया जाता है। तो यह राशि टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर के तहत होगी। निवेशक को रिटर्न भरते समय अन्य स्रोत से कमाई में इसका जिक्र करना होगा। टैक्स दर सिलेब के अनुसार है, जो अधिकतम 30 फ़ीसदी होगी।
  • यूनिट बेचने पर लाभ हुआ, तो कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। निवेशक ने यूनिट खरीदने के 3 साल के भीतर इसे बेचा है तो मुनाफे पर 15 फ़ीसदी कम अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। अगर 3 साल बाद यूनिट वेट से हैं तो 1 लाख से ज्यादा के मुनाफे पर 10 फ़ीसदी लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर लगेगा।

बांड और म्यूचुअल फंड से ज्यादा रिटर्न 

रीट और इनविट के जरिए बाजार में आए आईपीओ ने पिछले 1 साल में सरकारी बांड, एफडी और डेट म्युचुअल फंड से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। कंपनियां रिटर्न को हर तिमाही या समय में लाभांश के रूप में देती हैं।

90 प्रतिशत मुनाफा निवेशकों में बांटा जाता है रीट इनविट में

रीट से जुटाई 80 फ़ीसदी रकम को मुनाफे वाली परियोजना में लगाया जाता है और रिटर्न की 90 फ़ीसदी राशि निवेशकों में बंट जाती है।

3.85 लाख करोड़ के आईपीओ में अवसर 

इंडिया ग्रिड और पावर ग्रिड जैसे इनविट से बाजार को उत्साह मिला है। दोनों आईपीओ ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। अगले दो-तीन साल में 3.85 लाख करोड़ के रीट और इनविट बाजार में सूचीबद्ध होंगे। सरकार भी बुनियादी परियोजनाओं में 115 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य लेकर चल रही है। 

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