पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Thu, 01 Jul 2021 10:24 AM IST
सार
सरकार ने बुधवार को एक अध्यादेश जारी किया जो डिफेंस से जुड़ी हुई जरूरी सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल करने और किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है।
रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल के खिलाफ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध अध्यादेश जारी किया है। इसके तहत कर्मचारियों को अचानक से काम बंद करना महंगा पड़ेगा। यहां तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा। यह अध्यादेश रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल एवं किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है। आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के ओएफबी को निगम बनाने के फैसले के खिलाफ अगले महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जिसको देखते हुए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 लाया गया है।
एक राजपत्रित अधिसूचना के मुताबिक, रक्षा उपकरण के उत्पादन, सेवा और संचालन में शामिल कर्मचारी या सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के उत्पादन में शामिल कर्मचारियों के साथ ही रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे।
कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘कोई भी व्यक्ति जोकि हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है जोकि इस अध्यादेश के अंतर्गत गैर-कानूनी है तो उसे एक वर्ष की अवधि तक की जेल या 10000 रुपये जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।’’
विस्तार
रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल के खिलाफ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध अध्यादेश जारी किया है। इसके तहत कर्मचारियों को अचानक से काम बंद करना महंगा पड़ेगा। यहां तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा। यह अध्यादेश रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल एवं किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है। आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के ओएफबी को निगम बनाने के फैसले के खिलाफ अगले महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जिसको देखते हुए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 लाया गया है।
एक राजपत्रित अधिसूचना के मुताबिक, रक्षा उपकरण के उत्पादन, सेवा और संचालन में शामिल कर्मचारी या सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के उत्पादन में शामिल कर्मचारियों के साथ ही रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे।
कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘कोई भी व्यक्ति जोकि हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है जोकि इस अध्यादेश के अंतर्गत गैर-कानूनी है तो उसे एक वर्ष की अवधि तक की जेल या 10000 रुपये जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।’’
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