बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Sun, 05 Dec 2021 10:41 AM IST
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चंद्रशेखर ने कहा कि नई शिक्षा नीति, आधुनिक भारत के इतिहास में शिक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार है। नई शिक्षा नीति क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को प्रोत्साहित करती है। इसलिए, यह अनिवार्य है कि डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने के लिए इंटरनेट के साथ-साथ प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म क्षेत्रीय भाषाओं का समर्थन करें।
वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा, ‘इंटरनेट बड़ी संख्या में भारतीयों तक पहुंच गया है लेकिन फिर भी कई नागरिकों के लिए यह पहुंच योग्य नहीं है क्योंकि अधिकांश सामग्री अंग्रेजी में है। बहुभाषी इंटरनेट के माध्यम से हम 40 करोड़ अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को जोड़ सकते हैं।’
बता दें कि मंत्रालय ने इसके लिए शनिवार को कार्यशाला आयोजित की। इसमें वर्कशॉप में Google (गूगल), Microsoft (माइक्रोसॉफ्ट), Mozilla (मोजिला), Zoho Corporation, Rediff, XgenPlus, Rediff, XgenPlus, academia, industry bodies, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) जैसे उद्योग जगत के नेताओं ने भाग लिया।