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यूक्रेन तनाव: अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी दी चेतावनी, कहा- विवादित सीमा पर सैन्य कार्रवाई से बचे रूस

एजेंसी, लंदन।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 23 Jan 2022 03:24 AM IST

सार

ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने लॉरी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में रूस को चेतावनी देते हुए अपील की कि रूस और चीन लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ काम कर रहे हैं और शीतयुद्ध के बाद से ऐसे हालात कभी नहीं देखे गए।

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यूक्रेन में रूसी सैन्य जमावड़े से बढ़ते तनाव पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चेतावनी के बाद ब्रिटेन ने भी रूस को आगाह किया है कि यदि वह क्षेत्र में पीछे नहीं हटता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा, यूक्रेन से लगती विवादित सीमा पर रूस किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से बचे।

ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने लॉरी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में रूस को चेतावनी देते हुए अपील की कि रूस और चीन लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ काम कर रहे हैं और शीतयुद्ध के बाद से ऐसे हालात कभी नहीं देखे गए। उन्होंने कहा कि सीमा के पास रूसी सैन्य जमावड़े से पिछले कुछ सप्ताह में क्षेत्र के भीतर तनाव फैला है।

ट्रस ने कहा, रूस और चीन अधिक से अधिक एक साथ काम कर रहे हैं, क्योंकि वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी प्रौद्योगिकियों में मानकों को स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं। दोनों देश साझा सैन्य अभ्यास तथा घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और अंतरिक्ष में भी अपना प्रभुत्व जमा रहे हैं। पुतिन से अपनी सीधी अपील में उन्होंने कहा, क्रेमलिन ने इतिहास के सबक नहीं सीखे हैं। वे सोवियत संघ के पुनर्निर्माण या नस्ल और भाषा के आधार पर एक तरह के ‘ग्रेटर रूस’ के निर्माण का सपना देख रहे हैं।

यूक्रेन में रूस की 24 कंपनियां प्रतिबंधित
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा व रक्षा परिषद द्वारा अनुशंसित 24 रूसी कंपनियों और रूसी राष्ट्रपति के दूत पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दी है। राष्ट्रपति की वेबसाइट ने ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के विवरण के साथ एक दस्तावेज भी प्रकाशित किया है, जिसमें दो निर्माण कंपनियों के साथ रूसी बीमा कंपनी और बीमा व्यवसाय समूह शामिल हैं। 

अमेरिका ने भेजी मदद की पहली खेप
अमेरिका ने नई यूक्रेन तनाव को देखते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा निर्देशित सैन्य सहायता के पहले हिस्से के रूप में दो लाख पाउंड की मदद दी है। यूक्रेन को मदद की यह पहली खेप पहुंच गई है जिसमें यूक्रेनी अग्रिम पंक्ति के बलों के लिए गोला-बारूद भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह आगामी सप्ताह में मदद की नई आपूर्ति भी भेजने वाला है।

विस्तार

यूक्रेन में रूसी सैन्य जमावड़े से बढ़ते तनाव पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चेतावनी के बाद ब्रिटेन ने भी रूस को आगाह किया है कि यदि वह क्षेत्र में पीछे नहीं हटता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा, यूक्रेन से लगती विवादित सीमा पर रूस किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से बचे।

ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने लॉरी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में रूस को चेतावनी देते हुए अपील की कि रूस और चीन लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ काम कर रहे हैं और शीतयुद्ध के बाद से ऐसे हालात कभी नहीं देखे गए। उन्होंने कहा कि सीमा के पास रूसी सैन्य जमावड़े से पिछले कुछ सप्ताह में क्षेत्र के भीतर तनाव फैला है।

ट्रस ने कहा, रूस और चीन अधिक से अधिक एक साथ काम कर रहे हैं, क्योंकि वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी प्रौद्योगिकियों में मानकों को स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं। दोनों देश साझा सैन्य अभ्यास तथा घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और अंतरिक्ष में भी अपना प्रभुत्व जमा रहे हैं। पुतिन से अपनी सीधी अपील में उन्होंने कहा, क्रेमलिन ने इतिहास के सबक नहीं सीखे हैं। वे सोवियत संघ के पुनर्निर्माण या नस्ल और भाषा के आधार पर एक तरह के ‘ग्रेटर रूस’ के निर्माण का सपना देख रहे हैं।

यूक्रेन में रूस की 24 कंपनियां प्रतिबंधित

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा व रक्षा परिषद द्वारा अनुशंसित 24 रूसी कंपनियों और रूसी राष्ट्रपति के दूत पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दी है। राष्ट्रपति की वेबसाइट ने ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के विवरण के साथ एक दस्तावेज भी प्रकाशित किया है, जिसमें दो निर्माण कंपनियों के साथ रूसी बीमा कंपनी और बीमा व्यवसाय समूह शामिल हैं। 

अमेरिका ने भेजी मदद की पहली खेप

अमेरिका ने नई यूक्रेन तनाव को देखते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा निर्देशित सैन्य सहायता के पहले हिस्से के रूप में दो लाख पाउंड की मदद दी है। यूक्रेन को मदद की यह पहली खेप पहुंच गई है जिसमें यूक्रेनी अग्रिम पंक्ति के बलों के लिए गोला-बारूद भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह आगामी सप्ताह में मदद की नई आपूर्ति भी भेजने वाला है।

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