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मांग: ओबीसी आरक्षण पर सरकार को मिला कांग्रेस का साथ, अधीर रंजन चौधरी बोले- पचास फीसदी से ज्यादा की हो व्यवस्था

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत झा कुमार झा
Updated Tue, 10 Aug 2021 09:29 PM IST

सार

कांग्रेस ने लोकसभा में ओबीसी से संबंधित संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को हटाए जाने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार आरक्षण की पचास प्रतिशत की सीमा को हटाने पर विचार करें, जिससे मराठा आरक्षण और अन्य राज्यों के लोगों को फायदा मिल सकें। 

लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और सोनिया गांधी
– फोटो : ANI

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कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। इस दौरान कांग्रेस ने केंद्र से आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा को खत्म करने की मांग की। पार्टी का कहना है कि यह सीमा हटने के बाद ही मराठा समुदाय और अन्य राज्यों में लोगों को इसका फायदा पहुंचेगा। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं और हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर विचार किया जाए।

उन्होंने कहा कि कुछ प्रदेशों में आरक्षण की सीमा इससे ज्यादा है। तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है इसी तरह बाकी राज्यों को भी कानूनी तौर पर ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण को इस सीमा से ज्यादा बढ़ा सकें। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा ”हम एक जिम्मेदार दल हैं, इसलिए हम चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं। यह संविधान संशोधन विधेयक है, इसमें दो तिहाई बहुमत के समर्थन की जरूरत पड़ती है।  इसलिए हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं। 

सरकार पर बरसे कांग्रेस नेता
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 2018 में 102वां संविधान संशोधन लाया गया। आपने ओबीसी कमीशन भी बनाया, लेकिन आपने राज्यों के अधिकारों का हनन किया। प्रदेशों से जब आवाज उठने लगी और अधिकारों को न छीनने की बात कही जाने लगी तो आप इस रास्ते पर मजबूरन आए। साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में चुनाव होने हैं, इसलिए आप लोगों को खुश करने के लिए ये संशोधन लाए हैं।  इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस जासूसी मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर चर्चा के लिए सहमत होती तो गतिरोध नहीं होता। हालांकि, लोकसभा स्पीकर ने उन्हें इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा। 
 

भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने मंगलवार को लोकसभा में जाति आधारित जनगणना की जोरदार वकालत की और इसके समर्थन में निर्णय लेने के लिए सरकार की सराहना की। मौर्या के भाषण पर सदन में मौजूद कई नेता हैरान रह गए क्योंकि कई क्षेत्रीय दलों की ओर से इसके समर्थन में मांग करने के बावजूद भाजपा ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। भाजपा ने आज उन्हें एक संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए पहले वक्ता के तौर पर उतारा था। 

संघमित्रा संविधान संशोधन विधेयक और जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर भ्रमित हो गईं। उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘आपकी सरकार 2011 में जाति आधारित जनगणना के लिए गई लेकिन इसे लागू नहीं कर सकी। मोदी सरकार अब उन्हें उनका अधिकार दे रही है।’ उन्होंने कहा कि जो काम कांग्रेस की सरकारें नहीं कर सकीं वह हमारी सरकार कर रही है। जाति आधारित जनगणना को लागू करके हमारी सरकार ओबीसी वर्ग को उनके अधिकार दे रही है।’ 

विस्तार

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। इस दौरान कांग्रेस ने केंद्र से आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा को खत्म करने की मांग की। पार्टी का कहना है कि यह सीमा हटने के बाद ही मराठा समुदाय और अन्य राज्यों में लोगों को इसका फायदा पहुंचेगा। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं और हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर विचार किया जाए।

उन्होंने कहा कि कुछ प्रदेशों में आरक्षण की सीमा इससे ज्यादा है। तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है इसी तरह बाकी राज्यों को भी कानूनी तौर पर ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण को इस सीमा से ज्यादा बढ़ा सकें। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा ”हम एक जिम्मेदार दल हैं, इसलिए हम चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं। यह संविधान संशोधन विधेयक है, इसमें दो तिहाई बहुमत के समर्थन की जरूरत पड़ती है।  इसलिए हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं। 

सरकार पर बरसे कांग्रेस नेता

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 2018 में 102वां संविधान संशोधन लाया गया। आपने ओबीसी कमीशन भी बनाया, लेकिन आपने राज्यों के अधिकारों का हनन किया। प्रदेशों से जब आवाज उठने लगी और अधिकारों को न छीनने की बात कही जाने लगी तो आप इस रास्ते पर मजबूरन आए। साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में चुनाव होने हैं, इसलिए आप लोगों को खुश करने के लिए ये संशोधन लाए हैं।  इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस जासूसी मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर चर्चा के लिए सहमत होती तो गतिरोध नहीं होता। हालांकि, लोकसभा स्पीकर ने उन्हें इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा। 

 


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