टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Fri, 30 Jul 2021 11:03 AM IST
सार
भारतीय संस्थानों पर हर सप्ताह औसतन 1,738 बार साइबर अटैक हुए हैं, जबकि ग्लोबली यह संख्या 757 प्रति सप्ताह है। पिछले छह महीनों में भारत में स्वास्थ्य संस्थाओं, एजुकेशन और रिसर्च, सरकार और मिलिट्री, इंश्योरेंस और लीगल, मैन्यूफैक्चरिंग जैसी संस्थाओं पर हैकर्स के निशाने पर सबसे ज्यादा रहे हैं।
ख़बर सुनें
विस्तार
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट से मिली जानकारी
साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट ने ‘Cyber Attack Trends: 2021 Mid-Year’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें तमाम तरह की संस्थाओं जैसे सरकारी, स्वास्थ्य और अन्य पर होने वाले साइबर अटैक के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल अमेरिका में होने वाले साइबर अटैक में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। यहां हर सप्ताह औसतन 443 साइबर हमला हुआ है।
वहीं यूरोप में इसमें 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। यूरोप में हर सप्ताह किसी संस्थान पर औसतन 777 बार साइबर अटैक हुए हैं, जबकि लैटिन अमेरिका में 19 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। अमेरिका और एशिया प्रशांत के देशों में हर सप्ताह किसी संस्थान पर औसतन 1,338 बार साइबर अटैक हुआ है जो कि इस साल के शुरुआती महीनों से 13 फीसदी अधिक है।
भारत रहा हैकर्स का सबसे बड़ा बाजार
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स के लिए भारत पहले नंबर पर था। भारतीय संस्थानों पर हर सप्ताह औसतन 1,738 बार साइबर अटैक हुए हैं, जबकि ग्लोबली यह संख्या 757 प्रति सप्ताह है। पिछले छह महीनों में भारत में स्वास्थ्य संस्थाओं, एजुकेशन और रिसर्च, सरकार और मिलिट्री, इंश्योरेंस और लीगल, मैन्यूफैक्चरिंग जैसी संस्थाओं पर हैकर्स के निशाने पर सबसे ज्यादा रहे हैं।
रैनसमवेयर अटैक में भी भारी इजाफा
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि रैनसमवेयर अटैक में भी भारी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि किसी संस्थान के सिस्टम को हैक करके डाटा चोरी करना और डाटा के बदले पैसे वसूलना हैकर्स के लिए आम बात हो गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हैकर्स अब नए तरह के मैलवेयर जैसे -Trickbot, Dridex, Qbot और IcedID का इस्तेमाल कर रहे हैं।