एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 25 Mar 2022 04:04 AM IST
सार
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एडी जगदीश चंद्र ने दुख जताते हुए कहा कि मौजूदा पीढ़ी में, गिरावट की नई होड़ सी मची है। बारहमासी नदियां जो कभी स्वच्छ जल के साथ बहती थीं, अब अपशिष्टों को ले जाने वाले ड्रेनेज चैनलों में बदल गई हैं।
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि एक एलियन ग्रह की खोज करने की अपेक्षा पृथ्वी को अच्छी स्थिति में छोड़ना ज्यादा बेहतर है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी बुधवार को आपराधिक समीक्षा याचिकाओं को निपटाते हुए की। इन याचिकाओं में नागपट्टिनम में निचली अदालत द्वारा दिए आदेशों को चुनौती दी गई थी। निचली अदालत ने अवैध रूप से रेत खनन के परिवहन में लगे जब्त वाहनों को वापस करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
जस्टिस एडी जगदीश चंद्र ने कहा कि धरती मां हमारी हमारी विरासत है, जो हमें अपनी पिछली पीढ़ियों से बिना किसी नुकसान के विरासत में मिली है। भूवैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी की उम्र अब 4.543 अरब वर्ष है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि जैसा हमने इसे पाया था, उसकी तुलना में भावी पीढ़ियों के लिए इसे बेहतर स्थिति में छोड़ें न कि अपनी अनमोल धरा पर हो रही क्रूरता के प्रति आंखें बंद रखें और न कि जिंदगी के लिए बहुत अधिक पैसा खर्च कर कम इंफ्रास्ट्रक्चर वाले किसी एलियन ग्रह की खोज पर गर्व करें।
जस्टिस चंद्र ने दुख जताते हुए कहा कि मौजूदा पीढ़ी में, गिरावट की नई होड़ सी मची है। बारहमासी नदियां जो कभी स्वच्छ जल के साथ बहती थीं, अब अपशिष्टों को ले जाने वाले ड्रेनेज चैनलों में बदल गई हैं।
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मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि एक एलियन ग्रह की खोज करने की अपेक्षा पृथ्वी को अच्छी स्थिति में छोड़ना ज्यादा बेहतर है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी बुधवार को आपराधिक समीक्षा याचिकाओं को निपटाते हुए की। इन याचिकाओं में नागपट्टिनम में निचली अदालत द्वारा दिए आदेशों को चुनौती दी गई थी। निचली अदालत ने अवैध रूप से रेत खनन के परिवहन में लगे जब्त वाहनों को वापस करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
जस्टिस एडी जगदीश चंद्र ने कहा कि धरती मां हमारी हमारी विरासत है, जो हमें अपनी पिछली पीढ़ियों से बिना किसी नुकसान के विरासत में मिली है। भूवैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी की उम्र अब 4.543 अरब वर्ष है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि जैसा हमने इसे पाया था, उसकी तुलना में भावी पीढ़ियों के लिए इसे बेहतर स्थिति में छोड़ें न कि अपनी अनमोल धरा पर हो रही क्रूरता के प्रति आंखें बंद रखें और न कि जिंदगी के लिए बहुत अधिक पैसा खर्च कर कम इंफ्रास्ट्रक्चर वाले किसी एलियन ग्रह की खोज पर गर्व करें।
जस्टिस चंद्र ने दुख जताते हुए कहा कि मौजूदा पीढ़ी में, गिरावट की नई होड़ सी मची है। बारहमासी नदियां जो कभी स्वच्छ जल के साथ बहती थीं, अब अपशिष्टों को ले जाने वाले ड्रेनेज चैनलों में बदल गई हैं।
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Updated Fri, 25 Mar 2022 04:04 AM IST
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मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एडी जगदीश चंद्र ने दुख जताते हुए कहा कि मौजूदा पीढ़ी में, गिरावट की नई होड़ सी मची है। बारहमासी नदियां जो कभी स्वच्छ जल के साथ बहती थीं, अब अपशिष्टों को ले जाने वाले ड्रेनेज चैनलों में बदल गई हैं।
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जस्टिस एडी जगदीश चंद्र ने कहा कि धरती मां हमारी हमारी विरासत है, जो हमें अपनी पिछली पीढ़ियों से बिना किसी नुकसान के विरासत में मिली है। भूवैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी की उम्र अब 4.543 अरब वर्ष है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि जैसा हमने इसे पाया था, उसकी तुलना में भावी पीढ़ियों के लिए इसे बेहतर स्थिति में छोड़ें न कि अपनी अनमोल धरा पर हो रही क्रूरता के प्रति आंखें बंद रखें और न कि जिंदगी के लिए बहुत अधिक पैसा खर्च कर कम इंफ्रास्ट्रक्चर वाले किसी एलियन ग्रह की खोज पर गर्व करें।
जस्टिस चंद्र ने दुख जताते हुए कहा कि मौजूदा पीढ़ी में, गिरावट की नई होड़ सी मची है। बारहमासी नदियां जो कभी स्वच्छ जल के साथ बहती थीं, अब अपशिष्टों को ले जाने वाले ड्रेनेज चैनलों में बदल गई हैं।
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