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मंथन : उत्तर प्रदेश चुनाव में पूरी ताकत झोंकेगा संघ, बैठक के दूसरे दिन हुई विधानसभा चुनावों पर चर्चा

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 07 Jan 2022 04:48 AM IST

सार

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक बैठक में एक बार फिर से सभी अनुषांगिक संगठनों को अपने अपने स्तर पर चुनाव में जुटने का निर्देश दिया गया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंकेगा। हैदराबाद में हो रही तीन दिवसीय समन्वय बैठक के दूसरे दिन राजनीतिक सत्र के दौरान राज्यों के विधानसभा चुनाव पर गंभीर मंथन हुआ।

इस दौरान संघ के कई अनुषांगिक संगठनों से फीडबैक लिए गए। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद थे।

संघ सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। इस राज्य के चुनाव नतीजे को भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते हुए पूरी ताकत झोंकने का फैसला किया गया है। संघ ने इससे पहले 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब-करीब सारे अनुषांगिक संगठनों को चुनावी मोर्चे पर लगाया था।

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक बैठक में एक बार फिर से सभी अनुषांगिक संगठनों को अपने अपने स्तर पर चुनाव में जुटने का निर्देश दिया गया है। चूंकि दो साल बाद संघ की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। ऐसे में संघ भारतीय राजनीति में भाजपा के वर्तमान प्रभाव को पूरी मजबूती के साथ कायम रखना चाहता है। उक्त अधिकारी के मुताबिक इस महीने के तीसरे हफ्ते से संघ के विभिन्न अनुषांगिक संगठन खासतौर से उत्तर प्रदेश के चुनावी मोर्चे पर डट जाएंगे।

आज कई मुद्दों पर अपने विचार रखेगा संघ
समन्वय बैठक में शिक्षा पद्घति, सामाजिक सद्भाव, धर्मांतरण, पर्यावरण, स्वास्थ्य सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई है। संघ शुक्रवार को इन सभी विषयों पर अपना दृष्टिकोण सामने रखेगा। संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि जिन विषयों पर चर्चा हुई है और जिन विषयों पर चर्चा होनी है, उन सभी विषयों पर हम अपने विचार सार्वजनिक करेंगे।

कई संगठनों से चुनाव के संदर्भ में लिया गया फीडबैक
बैठक में भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद सहित कुछ अन्य अनुषांगिक संगठनों से चुनाव के संदर्भ में फीडबैक लिया गया। इस दौरान चुनौतियों   और मुश्किलों पर भी चर्चा हुई। अनुषांगिक संगठनों ने चुनौतियों से निपटने संबंधी राय भी ली गई। खासतौर से किसान संघ को कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों के बीच पहुंचने का निर्देश दिया गया है।

विस्तार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंकेगा। हैदराबाद में हो रही तीन दिवसीय समन्वय बैठक के दूसरे दिन राजनीतिक सत्र के दौरान राज्यों के विधानसभा चुनाव पर गंभीर मंथन हुआ।

इस दौरान संघ के कई अनुषांगिक संगठनों से फीडबैक लिए गए। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद थे।

संघ सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई। इस राज्य के चुनाव नतीजे को भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते हुए पूरी ताकत झोंकने का फैसला किया गया है। संघ ने इससे पहले 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब-करीब सारे अनुषांगिक संगठनों को चुनावी मोर्चे पर लगाया था।

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक बैठक में एक बार फिर से सभी अनुषांगिक संगठनों को अपने अपने स्तर पर चुनाव में जुटने का निर्देश दिया गया है। चूंकि दो साल बाद संघ की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। ऐसे में संघ भारतीय राजनीति में भाजपा के वर्तमान प्रभाव को पूरी मजबूती के साथ कायम रखना चाहता है। उक्त अधिकारी के मुताबिक इस महीने के तीसरे हफ्ते से संघ के विभिन्न अनुषांगिक संगठन खासतौर से उत्तर प्रदेश के चुनावी मोर्चे पर डट जाएंगे।

आज कई मुद्दों पर अपने विचार रखेगा संघ

समन्वय बैठक में शिक्षा पद्घति, सामाजिक सद्भाव, धर्मांतरण, पर्यावरण, स्वास्थ्य सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई है। संघ शुक्रवार को इन सभी विषयों पर अपना दृष्टिकोण सामने रखेगा। संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि जिन विषयों पर चर्चा हुई है और जिन विषयों पर चर्चा होनी है, उन सभी विषयों पर हम अपने विचार सार्वजनिक करेंगे।

कई संगठनों से चुनाव के संदर्भ में लिया गया फीडबैक

बैठक में भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद सहित कुछ अन्य अनुषांगिक संगठनों से चुनाव के संदर्भ में फीडबैक लिया गया। इस दौरान चुनौतियों   और मुश्किलों पर भी चर्चा हुई। अनुषांगिक संगठनों ने चुनौतियों से निपटने संबंधी राय भी ली गई। खासतौर से किसान संघ को कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों के बीच पहुंचने का निर्देश दिया गया है।

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