videsh

भारत से भेदभाव: ब्रिटेन के कोरोना यात्रा नियमों पर जमकर बरसे जयराम रमेश और शशि थरूर, कहा- आ रही 'नस्लवाद की बू'

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 21 Sep 2021 11:46 AM IST

सार

UK Travel Restrictions For Indians: ब्रिटेन सरकार ने 10 से अधिक देशों से आने वाले पूरी तरह से वैक्सीनेटेड यात्रियों के लिए नियमों में छूट दे दी है लेकिन निराश करने वाली बात यह है कि भारत को अभी भी इस सूची से बाहर रखा गया है। 

ख़बर सुनें

ब्रिटेन में नए यात्रा नियमों के अनुसार पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के बावजूद भारतीयों को यहां राहत नहीं मिलेगी और उन्हें 10 दिनों के लिए क्वारंटीन में जाना होगा। वहीं भारत ने ब्रिटेन के इस नए यात्रा प्रतिबंधों पर नाराजगी जाहिर  की है। गौरतलब है कि ब्रिटेन ने अमेरिका, यूरोप समेत दुनिया के कई देशों के वैक्सीनेटेड लोगों को यात्रा की अनुमति दी है, मगर भारतीयों को इस सूची से बाहर कर दिया है। भारत ने बार-बार ब्रिटेन के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के सामने वैक्सीनेशन से जुड़े यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की अपील की है, लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं की गई। यहां तक कि विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस मसले पर ब्रिटिश सरकार से बात कर चुके हैं।

यहां से नस्लवाद की बू आती है: जयराम रमेश
नए नियमों पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कोविशील्ड को मूल रूप से ब्रिटेन में विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे ने उस देश को भी आपूर्ति की है। यह देखते हुए यह मामला बिल्कुल विचित्र लगता है! यहां से नस्लवाद की बू आती है। 

शशि थरूर ने रद्द की अपनी बुक की लॉन्चिंग
नियमों को बताने वाले ट्वीट को टैग करते हुए थरूर ने भी वैक्सीन लगवा चुके भारतीयों पर प्रतिबंधों की आलोचना की और कहा कि इस भेदभाव की वजह से मैंने कैंब्रिज यूनियन डिबेटिंग सोसायटी की डिबेट और अपनी किताब द बैटल आफ बिलांगिंग के ब्रिटिश संस्करण के विमोचन समारोह से खुद को अलग कर लिया है। वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके भारतीयों से क्वारंटाइन के लिए कहना आपत्तिजनक है। ब्रिटिश सरकार अभी भी समीक्षा ही कर रही है।

जानिए आखिर भारत पर सख्ती क्यों
दरअसल, ब्रिटेन में जिन देशों को कोरोना नियमों से छूट दी गई हैं, उनमें वे देश शामिल हैं, जिनके यहां इस्तेमाल हो रही वैक्सीन को ब्रिटेन में भी मान्यता दी गई है। मगर भारत में इस्तेमाल हो रही कोविशील्ड को ब्रिटेन में मंजूरी नहीं दी गई है। बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन  को तैयार किया है। जिन यात्रियों को भारत सहित ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों के तहत पूरी तरह से वैक्सीनेटेड नहीं माना गया है, उन्हें अभी भी पुराने नियमों के तहत ही प्रवेश दिया जाएगा।

भारत के कोविशील्ड को इन देशों में मिल चुकी है मंजूरी
भारत के कोविशील्ड को स्वीट्जरलैंड के अलावा ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन में भी मंजूरी मिल चुकी है। भारत ने समूह के 27 देशों से कहा था कि कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें।

विस्तार

ब्रिटेन में नए यात्रा नियमों के अनुसार पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के बावजूद भारतीयों को यहां राहत नहीं मिलेगी और उन्हें 10 दिनों के लिए क्वारंटीन में जाना होगा। वहीं भारत ने ब्रिटेन के इस नए यात्रा प्रतिबंधों पर नाराजगी जाहिर  की है। गौरतलब है कि ब्रिटेन ने अमेरिका, यूरोप समेत दुनिया के कई देशों के वैक्सीनेटेड लोगों को यात्रा की अनुमति दी है, मगर भारतीयों को इस सूची से बाहर कर दिया है। भारत ने बार-बार ब्रिटेन के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के सामने वैक्सीनेशन से जुड़े यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की अपील की है, लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं की गई। यहां तक कि विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस मसले पर ब्रिटिश सरकार से बात कर चुके हैं।

यहां से नस्लवाद की बू आती है: जयराम रमेश

नए नियमों पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कोविशील्ड को मूल रूप से ब्रिटेन में विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे ने उस देश को भी आपूर्ति की है। यह देखते हुए यह मामला बिल्कुल विचित्र लगता है! यहां से नस्लवाद की बू आती है। 

शशि थरूर ने रद्द की अपनी बुक की लॉन्चिंग

नियमों को बताने वाले ट्वीट को टैग करते हुए थरूर ने भी वैक्सीन लगवा चुके भारतीयों पर प्रतिबंधों की आलोचना की और कहा कि इस भेदभाव की वजह से मैंने कैंब्रिज यूनियन डिबेटिंग सोसायटी की डिबेट और अपनी किताब द बैटल आफ बिलांगिंग के ब्रिटिश संस्करण के विमोचन समारोह से खुद को अलग कर लिया है। वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके भारतीयों से क्वारंटाइन के लिए कहना आपत्तिजनक है। ब्रिटिश सरकार अभी भी समीक्षा ही कर रही है।

जानिए आखिर भारत पर सख्ती क्यों

दरअसल, ब्रिटेन में जिन देशों को कोरोना नियमों से छूट दी गई हैं, उनमें वे देश शामिल हैं, जिनके यहां इस्तेमाल हो रही वैक्सीन को ब्रिटेन में भी मान्यता दी गई है। मगर भारत में इस्तेमाल हो रही कोविशील्ड को ब्रिटेन में मंजूरी नहीं दी गई है। बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन  को तैयार किया है। जिन यात्रियों को भारत सहित ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों के तहत पूरी तरह से वैक्सीनेटेड नहीं माना गया है, उन्हें अभी भी पुराने नियमों के तहत ही प्रवेश दिया जाएगा।

भारत के कोविशील्ड को इन देशों में मिल चुकी है मंजूरी

भारत के कोविशील्ड को स्वीट्जरलैंड के अलावा ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन में भी मंजूरी मिल चुकी है। भारत ने समूह के 27 देशों से कहा था कि कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: