एएनआई, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 11 Jan 2022 03:07 AM IST
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी।
– फोटो : ANI
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जेन साकी ने आगे कहा कि “हमारा मानना है कि चीन का यह कदम अस्थिर करने वाला हो सकता है, और हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के प्रयास से चिंतित हैं। इस स्थिति में हम चीन के खिलाफ अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे।”
“We continue to closely monitor the situation. We continue to support dialogue&peaceful resolution of these border disputes. We’ve been pretty clear how we view Beijing’s behavior in region & around the world: White House Press Secy Jen Psaki on India-China border dispute pic.twitter.com/dpx1npeQJc
— ANI (@ANI) January 10, 2022
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि “पिछले महीने चीन द्वारा चार अमेरिकी आयोगों के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयुक्तों पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद सार्वभौमिक अधिकारों के खिलाफ एक और पीआरसी अपमान का गठन करते हैं। जिन आयुक्तों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें आयोग के अध्यक्ष नादिन मेंजा, उपाध्यक्ष नुरी तुर्केल, आयुक्त अनुरीमा भार्गव और जेम्स डब्ल्यू कैर शामिल हैं।”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि “दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने वाले दर्जनों वर्तमान या पूर्व अमेरिकी अधिकारियों और संगठनों के अलावा चीन ने पहले भी तीन अन्य वर्तमान या पूर्व अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के आयुक्तों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं।”