Tech

बदलाव : ट्विटर के सह-संस्थापक डोर्सी ने कहा, रोज पराग से सीखता हूं.. वे मेरी राह पर, मुझसे बेहतर चलें

सार

डोर्सी ने कहा, मेरा मानना है कि कंपनी का अपने पैरों पर खड़ा होना जरूरी है, उसे संस्थापकों और निदेशकों के प्रभाव से मुक्त रहना चाहिए। 

ख़बर सुनें

ट्विटर के सह-संस्थापक व सीईओ पद छोड़्ने वाले जैक डोर्सी ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि संस्थापकों के नेतृत्व में कंपनी चलाने के महत्व पर बहुत बातें हुई हैं। मेरा मानना है, ऐसा करने की सीमाएं भी होती हैं। यह विफलता का इकलौता बिंदु भी हो सकता है। मैंने तय किया कि कंपनी अपने संस्थापकों को छोड़कर आगे बढ़े।

डोर्सी ने नए सीईओ पराग अग्रवाल की तारीफ करते हुए लिखा, उनसे मैं रोज कुछ सीखता हूं। चाहता हूं कि मेरी राह पर मुझसे बेहतर चलें।

डोर्सी ने यह लिखा… इस्तीफे के सही समय की तीन वजह

  • पराग नए सीईओ : बोर्ड ने सभी विकल्पों पर विचार करके एकमत से पराग को चुना है। वे मेरा भी पसंदीदा चयन हैं। वे कंपनी और उनकी जरूरतों को गहराई से समझते हैं। कंपनी में बदलाव लाने वाले सभी गंभीर निर्णयों के पीछे भी रहे हैं। पराग जिज्ञासु और जांच-परखने वाले व्यक्ति हैं, तार्किक, डिमांडिंग, खुद के प्रति सजग व विनम्र भी। हृदय व आत्मा से नेतृत्व करते हैं। उनसे मैं रोज कुछ सीखता हूं।
  • ब्रेट टेलर : ब्रेट नए बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। वे उद्यमिता व जोखिम लेने के अर्थ समझते हैं। इंजीनियर हैं, इसलिए बड़े स्तर पर काम कर रही कंपनी की तकनीक व उत्पादों को भी जानते हैं। कंपनी को ऐसा ही व्यक्ति चाहिए।
  • और सारा स्टाफ : स्टाफ में क्षमता है कि वह कंपनी को बेहतर रास्ते पर ले जाए। पराग में काफी क्षमता है। उन्होंने इंजीनियर के तौर पर ट्विटर में काम शुरू किया था, हमारे काम की परवाह है। वे मेरे ही रास्ते पर चलते रहे हैं, लेकिन मुझसे बेहतर ढंग से। अपनी ऊर्जा का काम के लिए सबसे अच्छे ढंग से उपयोग करेंगे।
कंपनी को ऊंचाई पर पहुंचाने में अहम भूमिका
आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग में स्नातक पराग अग्रवाल 2011 में बतौर विज्ञापन इंजीनियर ट्विटर से जुड़े थे। इसके छह साल बाद अक्तूबर, 2017 में वह माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) बन गए। उन्होंने एडम मेसिंगर की जगह ली थी। वह जब ट्विटर से जुड़े थे, तब महज एक हजार कर्मचारी थे।

पराग नेे ट्विटर की विज्ञापन प्रणाली का विस्तार किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर यूजर्स के ट्वीट्स बढ़ाने का काम किया, जिससे माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को नई ऊंचाई मिली। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पराग याहू, एटीएंडटी लैब्स व माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों में रिसर्च इंटर्न रह चुके हैं। पराग की अनुमानित संपत्ति 15.2 लाख डॉलर यानी 11.42 करोड़ रुपये है। 

असाधारण लीग में हुए शामिल

  • पराग वॉल स्ट्रीट की बड़ी कंपनियों का नेतृत्व करने वाले भारतीय मूल के सीईओ की असाधारण लीग में शामिल हुए।
  • आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग व व्हार्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए सुंदर पिचाई 2015 में गूगल के सीईओ बने।
  • माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने मणिपाल इंस्टीट्यूट से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर विज्ञान में एमएस और शिकागो यूनिवर्सिटी बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया। 2014 में कंपनी के चेयरमैन व सीईओ बने।
  • वीवर्क के सीईओ संदीप मथारानी को फरवरी 2020 में प्रॉपर्टी लीजिंग प्लेटफॉर्म का प्रमुख बनाया गया।
  • एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की।  कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।
एक साल से था दबाव
बीते एक साल से डोर्सी के इस्तीफे की तैयारियां हो रही थीं। उन्होंने 28 नवंबर को ही ‘आई लव ट्विटर’ लिखकर इस्तीफे का संकेत दिया था। वे स्क्वायर इंक नामक पेमेंट भुगतान प्लेटफॉर्म भी चला रहे हैं, जिसकी स्थापना भी उन्होंने  की थी।

2020 के शुरू में निवेश प्रबंधन कंपनी इलियट ने डोर्सी को ट्विटर से इस्तीफा देने के लिए सिफारिश की थी। कहा था कि वे ट्विटर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे। उन्हें स्क्वायर इंक पर ही एकाग्र रहना चाहिए। तब इलियट की उन्हें हटाने की कोशिश नाकाम रही, वे पद पर बने रहे।

विस्तार

ट्विटर के सह-संस्थापक व सीईओ पद छोड़्ने वाले जैक डोर्सी ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि संस्थापकों के नेतृत्व में कंपनी चलाने के महत्व पर बहुत बातें हुई हैं। मेरा मानना है, ऐसा करने की सीमाएं भी होती हैं। यह विफलता का इकलौता बिंदु भी हो सकता है। मैंने तय किया कि कंपनी अपने संस्थापकों को छोड़कर आगे बढ़े।

डोर्सी ने नए सीईओ पराग अग्रवाल की तारीफ करते हुए लिखा, उनसे मैं रोज कुछ सीखता हूं। चाहता हूं कि मेरी राह पर मुझसे बेहतर चलें।

डोर्सी ने यह लिखा… इस्तीफे के सही समय की तीन वजह

  • पराग नए सीईओ : बोर्ड ने सभी विकल्पों पर विचार करके एकमत से पराग को चुना है। वे मेरा भी पसंदीदा चयन हैं। वे कंपनी और उनकी जरूरतों को गहराई से समझते हैं। कंपनी में बदलाव लाने वाले सभी गंभीर निर्णयों के पीछे भी रहे हैं। पराग जिज्ञासु और जांच-परखने वाले व्यक्ति हैं, तार्किक, डिमांडिंग, खुद के प्रति सजग व विनम्र भी। हृदय व आत्मा से नेतृत्व करते हैं। उनसे मैं रोज कुछ सीखता हूं।
  • ब्रेट टेलर : ब्रेट नए बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। वे उद्यमिता व जोखिम लेने के अर्थ समझते हैं। इंजीनियर हैं, इसलिए बड़े स्तर पर काम कर रही कंपनी की तकनीक व उत्पादों को भी जानते हैं। कंपनी को ऐसा ही व्यक्ति चाहिए।
  • और सारा स्टाफ : स्टाफ में क्षमता है कि वह कंपनी को बेहतर रास्ते पर ले जाए। पराग में काफी क्षमता है। उन्होंने इंजीनियर के तौर पर ट्विटर में काम शुरू किया था, हमारे काम की परवाह है। वे मेरे ही रास्ते पर चलते रहे हैं, लेकिन मुझसे बेहतर ढंग से। अपनी ऊर्जा का काम के लिए सबसे अच्छे ढंग से उपयोग करेंगे।
कंपनी को ऊंचाई पर पहुंचाने में अहम भूमिका

आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग में स्नातक पराग अग्रवाल 2011 में बतौर विज्ञापन इंजीनियर ट्विटर से जुड़े थे। इसके छह साल बाद अक्तूबर, 2017 में वह माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) बन गए। उन्होंने एडम मेसिंगर की जगह ली थी। वह जब ट्विटर से जुड़े थे, तब महज एक हजार कर्मचारी थे।

पराग नेे ट्विटर की विज्ञापन प्रणाली का विस्तार किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर यूजर्स के ट्वीट्स बढ़ाने का काम किया, जिससे माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को नई ऊंचाई मिली। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पराग याहू, एटीएंडटी लैब्स व माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों में रिसर्च इंटर्न रह चुके हैं। पराग की अनुमानित संपत्ति 15.2 लाख डॉलर यानी 11.42 करोड़ रुपये है। 

असाधारण लीग में हुए शामिल

  • पराग वॉल स्ट्रीट की बड़ी कंपनियों का नेतृत्व करने वाले भारतीय मूल के सीईओ की असाधारण लीग में शामिल हुए।
  • आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग व व्हार्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए सुंदर पिचाई 2015 में गूगल के सीईओ बने।
  • माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने मणिपाल इंस्टीट्यूट से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर विज्ञान में एमएस और शिकागो यूनिवर्सिटी बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया। 2014 में कंपनी के चेयरमैन व सीईओ बने।
  • वीवर्क के सीईओ संदीप मथारानी को फरवरी 2020 में प्रॉपर्टी लीजिंग प्लेटफॉर्म का प्रमुख बनाया गया।
  • एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की।  कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।
एक साल से था दबाव

बीते एक साल से डोर्सी के इस्तीफे की तैयारियां हो रही थीं। उन्होंने 28 नवंबर को ही ‘आई लव ट्विटर’ लिखकर इस्तीफे का संकेत दिया था। वे स्क्वायर इंक नामक पेमेंट भुगतान प्लेटफॉर्म भी चला रहे हैं, जिसकी स्थापना भी उन्होंने  की थी।

2020 के शुरू में निवेश प्रबंधन कंपनी इलियट ने डोर्सी को ट्विटर से इस्तीफा देने के लिए सिफारिश की थी। कहा था कि वे ट्विटर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे। उन्हें स्क्वायर इंक पर ही एकाग्र रहना चाहिए। तब इलियट की उन्हें हटाने की कोशिश नाकाम रही, वे पद पर बने रहे।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

20
Entertainment

Aishwarya And Neil Wedding: शादी के बंधन में बंधने के लिए तैयार नील भट्ट-ऐश्वर्या शर्मा, सामने आईं मेहंदी व हल्दी सेरेमनी की तस्वीरें

20
Desh

दावा: 31 दिसंबर तक चलेगा 'हर घर दस्तक' अभियान, 100 प्रतिशत लोगों को दिया जाएगा कोरोना का पहला टीका

19
Entertainment

Priyanka-Nick: निक जोनस ने प्रियंका चोपड़ा के साथ शेयर की तस्वीर, यूजर ने हंसते हुए बोला – आप दोनों पागल हो

17
Entertainment

Netflix Releases: नेटफ्लिक्स पर देखिए ये पांच बेहतरीन वेब सीरीज, दिसंबर में होने वाली हैं रिलीज

To Top
%d bloggers like this: