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फैसले की घड़ी: राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ निर्णय मंगलवार को, सुप्रीम कोर्ट पर निगाहें

हरि वर्मा, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 09 Aug 2021 11:45 PM IST

सार

पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर 470 दागियों ने किस्मत आजमाए, लेकिन दागियों ने आपराधिक जानकारी जगजाहिर नहीं की।

सर्वोच्च न्यायालय
– फोटो : पीटीआई

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बिहार चुनाव से जुड़े राजनीति के अपराधीकरण सह अवमानना मामले में ‘सुप्रीम फैसला’ मंगलवार को संभव है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाहें टिकी हैं। क्या यह फैसला राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ मंगलकारी साबित होगा। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव की बेला में फैसला ‘अमृत’ साबित हो सकता है।

बिहार गणतंत्र की धरती है। राजनीति में अपराधीकरण सबसे बड़ा वायरस है। ऐसे में मंगलवार के फैसले से उम्मीद है। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर 470 दागियों ने किस्मत आजमाए, लेकिन दागियों ने आपराधिक जानकारी जगजाहिर नहीं की। अवमानना मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। गत 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित हो गया था। आज फैसले की घड़ी है।

यह है मामला
बिहार के पिछले चुनाव में राजद के सर्वाधिक 104 दागी उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा ने 77 दागी उम्मीदवार लड़ाए। सुशासन बाबू नीतीश कुमार के जदयू ने 56 तो लोजपा ने 67 दागियों पर दांव लगाया। कांग्रेस ने 45, रालोसपा ने 57, बसपा ने 29 तो एनसीपी ने 26 दागी उम्मीदवार दिए। क्रांति की बात करने वाले वाम दल भाकपा ने 5 तो माकपा ने 4 दागी उम्मीदवार उतारे। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ अवमानना के मामले में फैसला सुनाएगी, जो देश के लिए नजीर साबित हो सकती है।
 

विस्तार

बिहार चुनाव से जुड़े राजनीति के अपराधीकरण सह अवमानना मामले में ‘सुप्रीम फैसला’ मंगलवार को संभव है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाहें टिकी हैं। क्या यह फैसला राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ मंगलकारी साबित होगा। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव की बेला में फैसला ‘अमृत’ साबित हो सकता है।

बिहार गणतंत्र की धरती है। राजनीति में अपराधीकरण सबसे बड़ा वायरस है। ऐसे में मंगलवार के फैसले से उम्मीद है। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर 470 दागियों ने किस्मत आजमाए, लेकिन दागियों ने आपराधिक जानकारी जगजाहिर नहीं की। अवमानना मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। गत 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित हो गया था। आज फैसले की घड़ी है।

यह है मामला

बिहार के पिछले चुनाव में राजद के सर्वाधिक 104 दागी उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा ने 77 दागी उम्मीदवार लड़ाए। सुशासन बाबू नीतीश कुमार के जदयू ने 56 तो लोजपा ने 67 दागियों पर दांव लगाया। कांग्रेस ने 45, रालोसपा ने 57, बसपा ने 29 तो एनसीपी ने 26 दागी उम्मीदवार दिए। क्रांति की बात करने वाले वाम दल भाकपा ने 5 तो माकपा ने 4 दागी उम्मीदवार उतारे। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ अवमानना के मामले में फैसला सुनाएगी, जो देश के लिए नजीर साबित हो सकती है।

 

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