अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 07 Mar 2022 06:51 AM IST
सार
अगर आप निवेश में जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो एफडी आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसमें न सिर्फ ब्याज मिलता है बल्कि आप एक साथ कई अन्य फायदे का भी लाभ उठा सकते हैं। अगर आपका किसी बैंक में एफडी है तो जरूरत पड़ने पर आप उस पर लोन या ओवरड्राफ्ट की सुविधा ले सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
देश में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) जैसे पारंपरिक तरीके को अब भी निवेश का बेहतर साधन माना जाता है। इसमें पैसा लगाने पर जोखिम कम रहता है और निश्चित ब्याज मिलने की भी गारंटी होती है। हालांकि, ज्यादा रिटर्न पाने की आस में बहुत से लोग एफडी कराने के बजाय म्यूचुअल फंड या अन्य जगहों पर निवेश की सलाह देते हैं। निवेश के ऐसे साधनों में जोखिम का भी डर रहता है।
ऐसे में अगर आप जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो एफडी आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसमें न सिर्फ ब्याज मिलता है बल्कि आप एक साथ कई अन्य फायदे का भी लाभ उठा सकते हैं। अगर आपका किसी बैंक में एफडी है तो जरूरत पड़ने पर आप उस पर लोन या ओवरड्राफ्ट की सुविधा ले सकते हैं। कई बैंक इसमें इंश्योरेंस कवर भी देते हैं।
- लोन या ओवरड्राफ्ट की सुविधा: कई सारे बैंक एफडी के आधार पर ओवरड्राफ्ट सुविधा देते हैं। एफडी एक गारंटी जैसा होता है। इसका मतलब है कि अगर आप कर्ज नहीं चुका पाते हैं तो लोन के पैसे आपकी एफडी में जमा राशि से काट लिए जाएंगे। अगर आप एफडी की तुलना किसी और निवेश से करते हैं तो ध्यान रखें कि एफडी पर आपको लोन मिल सकता है।
- इंश्योरेंस कवर: बैंक एफडी पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) का इंश्योरेंस कवर मिलता है। अगर आपका बैंक डिफॉल्ट कर देता है या दिवालिया हो जाता है तो आपको इस इंश्योरेंस कवर के तहत 5 लाख रुपये तक मिल जाएंगे। इसमें मूलधन और ब्याज दोनों ही शामिल होंगे। इसका मतलब है कि आपको गारंटी जरूर मिलेगी। 5 लाख रुपये तक वापस मिलने की भी गारंटी होगी।
- मुफ्त जीवन बीमा: कई ऐसे बैंक हैं, जो एफडी कराने पर मुफ्त जीवन बीमा का अतिरिक्त फायदा देते हैं। बैंक ऐसा ऑफर इसलिए देते हैं ताकि वह अधिक-से-अधिक लोगों को एफडी के प्रति आकर्षित कर सकें। इसके तहत वे अपने ग्राहकों को एफडी की रकम के बराबर जीवन बीमा की पेशकश करते हैं। इसमें उम्र की एक सीमा भी तय होती है।
- टैक्स छूट का लाभ: अगर आप 5 साल या उससे अधिक समय के लिए एफडी करते हैं तो उस पर आयकर कानून-1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसके तहत, आप साल भर में 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट ले सकते हैं. हालांकि, 5 साल से कम अवधि की एफडी कराते हैं तो टैक्स का भुगतान करना होगा। अगर किसी साल में विभिन्न बैंकों से मिला ब्याज 40 हजार रुपये से अधिक होता है तो उस पर भी टैक्स लगेगा।
- गारंटी के साथ रिटर्न: एफडी में गारंटी रिटर्न मिलता है। अगर आप 5 या 10 साल या कितने भी साल बाद की योजना बना रहे हैं तो एफडी में पता चल जाता है कि आपको मेच्योरिटी पर कितनी राशि मिलेगी क्योंकि एफडी पर तय रिटर्न मिलता है। वहीं, म्यूचुअल फंड, एनपीएस, ईएलएलएस जैसे निवेश में रिटर्न हर साल कम-ज्यादा होता रहता है। ऐसे निवेश पर रिटर्न शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करते हैं।
