सार
परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी और विश्व स्वास्थ्य मामलों में देश को नेतृत्व करने का मौका मिलेगा।
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विस्तार
गुजरात के जामनगर में यह डब्ल्यूएचओ का अपने तरह का पहला वैश्विक केंद्र होगा। इसे आयुष मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा। इसके जरिये परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी और विश्व स्वास्थ्य मामलों में देश को नेतृत्व करने का मौका मिलेगा।
यह केंद्र डाटा एकत्र करने, विश्लेषण करने और प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों, उपकरणों और पद्धतियों में विकासशील मानदंड, मानक और दिशा-निर्देश तय करेगा। इसके अलावा यह पारंपरिक दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा, प्रभाव और उनका तर्कसंगत उपयोग भी सुनिश्चित करेगा।
बैठक के दौरान मंत्रिमंडल को आईसीएमआर और जर्मनी की डॉयचे फोर्सचुंग्सगेमइंशाफ्ट के बीच दिसंबर 2021 में हुए समक्षौते के बारे में भी बताया गया। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य विष विज्ञान, उपेक्षित (उष्णकटिबंधीय) रोग, दुर्लभ बीमारियों और पारस्परिक हित के किसी भी अन्य क्षेत्रों सहित चिकित्सा विज्ञान/स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना था।
इसके अलावा नवंबर 2021 में आईसीएमआर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच हुए करार के बारे में भी बताया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण था।
पोटाश, पन्ना और प्लैटिनम जैसी धातुओं के दाम तय करने को कानून में होगा संशोधन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोटाश, पन्ना और प्लैटिनम जैसी धातुओं की रॉयल्टी दरें तय करने के लिए एमएमडीआर अधियिनम की दूसरी अनुसूची में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस संशोधन के बाद ग्लूकोनाइट, पोटाश, पन्ना, धातु के प्लैटिनम समूह, एंडलुसाइट और मोलिब्डेनम के संबंध में खनिज ब्लॉकों की नीलामी सुनिश्चित होगी, जिससे इन खनिजों का आयात कम होगा।