एजेंसी, इस्लामाबाद
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 22 Dec 2021 12:50 AM IST
सार
बलूचिस्तान में महीनों से जारी धरने और विरोध प्रदर्शन के बाद पाक सरकार इस क्षेत्र में हजारों अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात करने पर मजबूर हो गई है। आखिर क्या वजह है कि पाकिस्तान की सरकार को ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान
– फोटो : पीटीआई
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विस्तार
पाक सरकार को अब भी है क्षेत्र में सीपीईसी के विरोध की आशंका
दरअसल, ग्वादर को चीन से जुड़ी चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना से जोड़ा गया है जिसे पाकिस्तान अपनी ने प्रतिष्ठा का सवाल बनाया हुआ है। लेकिन यहां स्थानीय लोगों के साथ हो रहे सौतेले बर्ताव के चलते इस परियोजना का जबरदस्त विरोध हो रहा है।
यद्यपि 16 दिसंबर को सरकार के साथ हुई बातचीत के बाद बंदरगाह शहर के लोगों ने अपना महीनों से चल रहा धरना खत्म कर दिया है लेकिन पाक सरकार को अब भी क्षेत्र में विरोध की आशंका है। इसे देखते हुए पाक सरकार ने क्षेत्र में कई चैक पोस्ट बढ़ा दी हैं। साथ ही परियोजना स्थल पर सख्ती बरती जा रही है।
मूल्यवृद्धि के खिलाफ टीएलपी ने पाक सरकार को चेताया
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के नेताओं ने इमरान खान सरकार को बिजली दरों में और बढ़ोतरी के खिलाफ चेतावनी दी है। टीएलपी नेताओं ने कहा कि ताजा प्रस्तावित बढ़ोतरी से गरीबों पर भारी बोझ पड़ेगा। टीएलपी नेताओं ने कहा, सरकार आईएमएफ के इशारे पर देश को आर्थिक दलदल की तरफ धकेल रही है। टीएलपी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि हालात मूल्यवृद्धि वापस नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।