पीटीआई, पेशावर
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 02 Jan 2022 01:38 AM IST
सार
खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के टेरी गांव में परमहंस जी के मंदिर और ‘समाधि’ का पिछले साल जीर्णोद्धार किया गया था। वर्ष 2020 में एक भीड़ ने वहां तोड़फोड़ की थी जिसकी विश्व स्तर पर निंदा की गई थी।
महाराजा परमहंस जी मंदिर।
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
भारत, अमेरिका और खाड़ी देशों के 200 से अधिक हिंदू तीर्थयात्रियों ने शनिवार को उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में 100 साल पुराने महाराजा परमहंस जी मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान सुरक्षा के लिए 600 कर्मियों की तैनाती की गई थी।
खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के टेरी गांव में परमहंस जी के मंदिर और ‘समाधि’ का पिछले साल जीर्णोद्धार किया गया था। वर्ष 2020 में एक भीड़ ने वहां तोड़फोड़ की थी जिसकी विश्व स्तर पर निंदा की गई थी।
हिंदुओं के समूह में भारत के लगभग 200 श्रद्धालु थे, जबकि दुबई से पंद्रह, बाकी अमेरिका और अन्य खाड़ी देशों थे। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय यात्रियों ने लाहौर के पास वाघा सीमा पार किया और सशस्त्र कर्मियों ने उन्हें मंदिर तक पहुंचाया। इस कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्तानी हिंदू काउंसिल द्वारा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सहयोग से किया गया।
नए साल के पहले दिन, अंत्येष्टि स्मारक और तेरी गांव में बड़े पैमाने पर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में रेंजर्स, इंटेलिजेंस और एयरपोर्ट सुरक्षा बल के 600 जवानों की तैनाती की गई थी। हिंदू परिषद के अधिकारियों ने कहा कि धार्मिक क्रिया शनिवार रात से लेकर रविवार की दोपहर तक चलेगा। तीर्थयात्रियों के लिए ‘हुजराओं’ (ओपन एयर रिसेप्शन रूम) को आश्रयों में बदल दिया गया था।
इस दौरान मंदिर के पास के बाजार पर्यटकों से गुलजार देखे गए और हिंदू दल के बच्चों को स्थानीय बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते हुए देखा गया। हिंदू समुदाय के कानूनी मामलों के प्रभारी रोहित कुमार ने व्यवस्थाओं और मरम्मत कार्यों के लिए पाकिस्तान सरकार की सराहना की। टेरी गांव में महाराजा परमहंस का 1919 में निधन हो गया था।