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पाकिस्तान: शीर्ष कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पर संसदीय कार्यवाही का रिकॉर्ड मांगा, आज फिर सुनवाई

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली की कार्यवाही का रिकॉर्ड मांगते हुए सुनवाई बुधवार तक स्थगित कर दी।

इससे पहले पाक निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि वह तीन माह में चुनाव कराने में सक्षम नहीं है। लेकिन बाद में वह अपनी टिप्पणी से पलट गया और कहा उसने ऐसा कोई बयान मीडिया को जारी नहीं किया।

पाक निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अफसर ने मीडिया से कहा था कि नया परिसीमन व मतदाता सूची की तैयारी एक चुनौती है, इस कारण आम चुनाव के लिए छह माह का वक्त चाहिए। जबकि इमरान खान ने 3 माह में चुनाव की बात कहकर राष्ट्रपति से संसद भंग कराई थी। विवाद बढ़ते देख चुनाव आयोग अपने बयान से पलट गया। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता में 5 जजों की पीठ ने मंगलवार को भी सुनवाई की।

बंदियाल ने कहा, अदालत सिर्फ रिकॉर्ड देख अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और बाद में सदन भंग करने के लिए डिप्टी स्पीकर द्वारा उठाए कदमों की सांविधानिकता का पता लगाना चाहती है। हमारा ध्यान सिर्फ इसी पर है।

जो भी हुआ वह सिर्फ मॉर्शल लॉ : पीपीपी
सुनवाई शुरू होते ही पीपीपी के सीनेटर रजा रब्बानी ने कहा कि अदालत को संसदीय कार्यवाही की सीमा जांचनी चाहिए थी। जो भी हुआ है उसे केवल नागरिक मार्शल लॉ कहा जा सकता है। उन्होंने स्पीकर का फैसला अवैध बताया क्योंकि प्रस्ताव को मतदान के बिना खारिज नहीं किया जा सकता है।

पाक एनएसए मोईद यूसुफ का इस्तीफा
पाक में सियासी व सांविधानिक संकट के बीच देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह जानकारी आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी। यूसुफ ने ट्वीट किया, मैं पद छोड़ रहा हूं और बेहद संतुष्ट हूं, क्योंकि मैं जानता हूं कि एनएसए का पद और राष्ट्रीय सुरक्षा दफ्तर एक प्रतिष्ठित संस्थान हैं। यहां पर एक बेहतरीन टीम काम करती है, जो आगे भी पाकिस्तान को गर्व करने का मौका देती है।

नई सरकार के गठन तक आईएमएफ की फंडिंग रुकी
पाकिस्तान में सांविधानिक संकट में बदले सियासी गतिरोध को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के वित्तपोषण से एक और झटका मिला है। इस्लामाबाद में आईएमएफ के स्थानीय प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज रुइज ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद फंड जारी होगा। इसी के साथ पाक के लिए 6 अरब डॉलर के फंड में गतिरोध आ गया है, जबकि पीएम इमरान खान ने टैक्स माफी योजना और ऊर्जा कीमतों में कटौती से जुड़े राहत पैकेज की घोषणा की है।

सत्ता परिवर्तन के प्रयास में अमेरिका के शामिल होने के सबूत नहीं : पाक सेना  
पाकिस्तानी सेना ने प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। सेना ने कहा, देश के आंतरिक मामलों में दखल का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। इमरान ने 27 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दावा किया था कि एक अमेरिकी पत्र उनकी सरकार को गिराने के लिए लिखा गया था और यह पाक मामलों में दखल था। उन्होंने कहा, परिषद ने भी उनके रुख का समर्थन किया है। इससे यह धारणा बनी कि सेना का सरकार के विचार को समर्थन है जबकि परिषद के बयान पर सेना ने हस्ताक्षर तक नहीं किए। 

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