एजेंसी, इस्लामाबाद।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 11 Aug 2021 05:34 AM IST
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर
– फोटो : Dawn
पाक सेना के खिलाफ कठोर टिप्पणी करने पर अनिश्चित काल तक हटाए गए पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने कहा है कि इमरान खान एक असहाय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि देश के मीडिया कर्मचारियों में डर का माहौल बढ़ रहा है। पाकिस्तानी पत्रकार ने एक चैनल के साथ हुए इंटरव्यू में कहा कि उनके देश में सिर्फ नाममात्र के लिए ही लोकतंत्र रह गया है। यहां संविधान भी नाममात्र का है।
प्रसिद्ध पत्रकार हामिद मीर ने कहा कि देश में मीडिया कर्मियों पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। डॉन अखबार ने मंगलवार को बताया कि इस्लामाबाद से बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में मीर ने प्रेस की आजादी के लिए सिकुड़ती जगह और पाक में पत्रकारों के लिए भय के बढ़ते माहौल की निंदा की।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान में लोकतंत्र है लेकिन लोकतंत्र नहीं है। यहां एक संविधान है लेकिन कोई संविधान नहीं है, और मैं पाकिस्तान में सेंसरशिप का एक जीवंत उदाहरण हूं। जब पत्रकार स्टीफन साकुर ने उनसे पूछा गया कि क्या पीए खान निजी रूप से उन्हें ऑफ एयर करना चाहते हैं तो मीर ने कहा, इमरान मुझ पर प्रतिबंध के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं हैं। बल्कि वे ताकतवर पीएम नहीं हैं, वे असहाय हैं और मेरी मदद भी नहीं कर सकते हैं।
पीओके : नई नियुक्ति पर इमरान की पार्टी में असंतोष
पाक कब्जे वाले कश्मीर में इमरान खान द्वारा नया प्रधानमंत्री चुने जाने से न सिर्फ यहां के नागरिकों को हैरत है बल्कि नवनिर्वाचित विधायकों और खुद इमरान की पार्टी के व्यापार समर्थन समूह भी हैरान हैं। इस बद के लिए दो उम्मीदवार सबसे पसंदीदा थे जिनमें बैरिस्टर सुल्तान महमूद और कारोबारी शख्सियत तनवीर इलियास शामिल हैं। जबकि इमरान द्वारा बनाए गए नए पीएम सरदार अब्दुल कय्यूम नियाजी कई हिंसा, रिश्वत व धांधली के मामलों में लिप्त रहे हैं। इसे लेकर इमरान खान की ही पार्टी में मीरपुर जलसे के दौरान असंतोष के संकेत देखने को मिले हैं।
विस्तार
पाक सेना के खिलाफ कठोर टिप्पणी करने पर अनिश्चित काल तक हटाए गए पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने कहा है कि इमरान खान एक असहाय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि देश के मीडिया कर्मचारियों में डर का माहौल बढ़ रहा है। पाकिस्तानी पत्रकार ने एक चैनल के साथ हुए इंटरव्यू में कहा कि उनके देश में सिर्फ नाममात्र के लिए ही लोकतंत्र रह गया है। यहां संविधान भी नाममात्र का है।
प्रसिद्ध पत्रकार हामिद मीर ने कहा कि देश में मीडिया कर्मियों पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। डॉन अखबार ने मंगलवार को बताया कि इस्लामाबाद से बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में मीर ने प्रेस की आजादी के लिए सिकुड़ती जगह और पाक में पत्रकारों के लिए भय के बढ़ते माहौल की निंदा की।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान में लोकतंत्र है लेकिन लोकतंत्र नहीं है। यहां एक संविधान है लेकिन कोई संविधान नहीं है, और मैं पाकिस्तान में सेंसरशिप का एक जीवंत उदाहरण हूं। जब पत्रकार स्टीफन साकुर ने उनसे पूछा गया कि क्या पीए खान निजी रूप से उन्हें ऑफ एयर करना चाहते हैं तो मीर ने कहा, इमरान मुझ पर प्रतिबंध के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं हैं। बल्कि वे ताकतवर पीएम नहीं हैं, वे असहाय हैं और मेरी मदद भी नहीं कर सकते हैं।
पीओके : नई नियुक्ति पर इमरान की पार्टी में असंतोष
पाक कब्जे वाले कश्मीर में इमरान खान द्वारा नया प्रधानमंत्री चुने जाने से न सिर्फ यहां के नागरिकों को हैरत है बल्कि नवनिर्वाचित विधायकों और खुद इमरान की पार्टी के व्यापार समर्थन समूह भी हैरान हैं। इस बद के लिए दो उम्मीदवार सबसे पसंदीदा थे जिनमें बैरिस्टर सुल्तान महमूद और कारोबारी शख्सियत तनवीर इलियास शामिल हैं। जबकि इमरान द्वारा बनाए गए नए पीएम सरदार अब्दुल कय्यूम नियाजी कई हिंसा, रिश्वत व धांधली के मामलों में लिप्त रहे हैं। इसे लेकर इमरान खान की ही पार्टी में मीरपुर जलसे के दौरान असंतोष के संकेत देखने को मिले हैं।
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