वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: सुभाष कुमार
Updated Sun, 21 Nov 2021 11:15 PM IST
सार
इसके अलावा एक अन्य फैसले में इमरान खान सरकार ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को किसी तीसरे देश में राजनीतिक कार्यालय खोलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
ख़बर सुनें
विस्तार
इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार प्राथमिकता के साथ पाकिस्तान में चीनी निवेश और उद्योग का समर्थन करेगी। इमरान ने कहा कि निवेश में तेजी लाने के लिए वह चीन के आभारी है। इसके अलावा चीन के कारोबारी पाकिस्तान के साथ शीशा, सिरामिक और आइटी के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाएंगे। चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो भी पाकिस्तान में एक मोबाइल सेट निर्माण इकाई और एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने वाली है।
टीटीपी को तीसरे देश में राजनीतिक कार्यालय खोलने की अनुमति नहीं
इसके अलावा एक अन्य फैसले में इमरान खान सरकार ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को किसी तीसरे देश में राजनीतिक कार्यालय खोलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। शाति समझौते के लिए आयोजित बातचीत के दौरान टीटीपी ने सरकार से यह मांग की थी। इसके अलावा टीटीपी ने खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के साथ संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों के विलय को वापस लेना और पाकिस्तान में इस्लामी व्यवस्था की शुरूआत करने की भी मांग की थी। पाकिस्तान सरकार ने टीटीपी की इन सभी मांगों को खारिज कर दिया।
सरकार ने भी टीटीपी के सामने तीन मांगे रखी, इनमें हथियार डालना, देश के आदेश/कानूनों को मानना और अपने कृत्यों के लिए सार्वजनिक माफी की मांग शामिल थी। कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान सरकार और टीटीपी के बीच पूर्ण युद्धविराम हो गया है।
टीटीपी को पाकिस्तानी तालिबान के नाम से जाना जाता है। यह पाकिस्तान अफगानिस्तान की सीमा पर रहने वाला प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। इस आतंकी समूह द्वारा पाकिस्तान में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अफगान तालिबान का इस्तेमाल कर के टीटीपी के साथ शांति समझौता करने की कोशिश कर रही है।