न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 22 Jan 2022 12:06 PM IST
सार
five more tiger reserves in india : सरकार तीन नए क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की मंजूरी दे चुकी है और दो अन्य के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है। जिन तीन क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व के तौर पर मंजूरी दी गई है, उनमें कर्नाटक का एमएम हिल्स इलाका, छत्तीसगढ़ का गुरु घासीदास नेशनल पार्क और राजस्थान का रामगढ़ विषधारी इलाका शामिल है।
देश में बढ़ती बाघों की तादाद को देखते हुए केंद्र सरकार इसी साल पांच और बाघ अभयारण्यों (tiger reserves) का एलान करने वाली है। इसके साथ ही देश में कुल 56 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे।
सरकार तीन नए क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की मंजूरी दे चुकी है और दो अन्य के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है। जिन तीन क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व के तौर पर मंजूरी दी गई है, उनमें कर्नाटक का एमएम हिल्स इलाका, छत्तीसगढ़ का गुरु घासीदास नेशनल पार्क और राजस्थान का रामगढ़ विषधारी इलाका शामिल है।
इनके अलावा अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वन्य जीव अभयारण्य और बिहार के कैमूर अभयारण्य को भी टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। चूंकि उक्त तीन टाइगर रिजर्व को केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है, इसलिए अब संबंधित राज्यों द्वारा उन्हें टीआरएस के रूप में अधिसूचित करने की औपचारिकता बाकी है। दूसरी ओर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA ने अरुणाचल व बिहार सरकार को दो टीआरएस की मंजूरी की सैद्धांतिक मंजूरी दे देकर इस बारे में सूचित कर दिया है। अब उनसे वन्य जीव संरक्षण कानून 1972 के तहत विस्तृत प्रस्ताव मांगे गए हैं।
मौजूदा 51 टाइगर रिजर्व कुल 73,765 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। पांचों नए बाघ अभयारण्यों की घोषणा रूस के व्लादिवोस्तोक में इसी साल होने वाली ग्लोबर टाइगर समिट के पूर्व होने की संभावना है।
लक्ष्य से चार साल पहले ही दोगुने हो गए बाघ
केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को चौथे एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने बाघ संरक्षण की दिशा में बड़ी कामयाबी पाई है। देश में बाघों की आबादी 2018 में ही दोगुनी हो चुकी है, जबकि इसका लक्ष्य 2022 था। यानी लक्ष्य से चार साल पहले ही देश में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई थी।
विस्तार
देश में बढ़ती बाघों की तादाद को देखते हुए केंद्र सरकार इसी साल पांच और बाघ अभयारण्यों (tiger reserves) का एलान करने वाली है। इसके साथ ही देश में कुल 56 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे।
सरकार तीन नए क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की मंजूरी दे चुकी है और दो अन्य के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है। जिन तीन क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व के तौर पर मंजूरी दी गई है, उनमें कर्नाटक का एमएम हिल्स इलाका, छत्तीसगढ़ का गुरु घासीदास नेशनल पार्क और राजस्थान का रामगढ़ विषधारी इलाका शामिल है।
इनके अलावा अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वन्य जीव अभयारण्य और बिहार के कैमूर अभयारण्य को भी टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। चूंकि उक्त तीन टाइगर रिजर्व को केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है, इसलिए अब संबंधित राज्यों द्वारा उन्हें टीआरएस के रूप में अधिसूचित करने की औपचारिकता बाकी है। दूसरी ओर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA ने अरुणाचल व बिहार सरकार को दो टीआरएस की मंजूरी की सैद्धांतिक मंजूरी दे देकर इस बारे में सूचित कर दिया है। अब उनसे वन्य जीव संरक्षण कानून 1972 के तहत विस्तृत प्रस्ताव मांगे गए हैं।
मौजूदा 51 टाइगर रिजर्व कुल 73,765 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। पांचों नए बाघ अभयारण्यों की घोषणा रूस के व्लादिवोस्तोक में इसी साल होने वाली ग्लोबर टाइगर समिट के पूर्व होने की संभावना है।
लक्ष्य से चार साल पहले ही दोगुने हो गए बाघ
केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को चौथे एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने बाघ संरक्षण की दिशा में बड़ी कामयाबी पाई है। देश में बाघों की आबादी 2018 में ही दोगुनी हो चुकी है, जबकि इसका लक्ष्य 2022 था। यानी लक्ष्य से चार साल पहले ही देश में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई थी।
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