पीटीआई, कोलकाता
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 17 Jan 2022 01:01 AM IST
सार
शाओली मित्रा की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार बिना किसी धूमधाम के किया जाए। शाओली मित्रा को 2009 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
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विस्तार
दोपहर 3:40 बजे ली अंतिम सांस
उनकी करीबी दोस्त अर्पिता घोष ने कहा कि शाओली मित्रा का दक्षिण कोलकाता में उनके आवास पर दोपहर 3:40 बजे निधन हो गया और बाद में बिना किसी धूमधाम के सिरिटी श्मशान में उनका अंतिम संस्कार किया गया। दोस्त घोष ने कहा कि वह हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं, लेकिन उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया और रविवार को उनकी हालत बिगड़ गई।
2009 में पद्मश्री से नवाजा गया था
अर्पिता घोष ने कहा कि शाओली मित्रा की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार बिना किसी धूमधाम के किया जाए। शाओली मित्रा को 2009 में पद्मश्री से नवाजा गया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी समेत अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए थे।
शंभू मित्रा और तृप्ति मित्रा द्वारा स्थापित एक प्रसिद्ध थिएटर ग्रुप ‘बहुरूपी’ में वर्षों बिताने के बाद, जहां उन्होंने टैगोर के ‘दक्घर’ में अमल के चरित्र को अमर कर दिया था, शाओली ने ‘पंचम बैदिक’ की स्थापना की, जिसने व्यापक रूप से महिला मुक्ति पर प्रशंसित नाटक पेश करके एक ट्रेल ब्लेजर प्रदर्शनों की सूची की स्थापना की।
रंगमंच की हस्तियों ने जताया दुख
रंगमंच की हस्ती रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता ने कहा कि शाओली कुछ समय से बीमारियों के कारण लोगों की नजरों से दूर थीं, लेकिन उन्होंने वर्षों तक अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। रंगमंच की हस्ती बिभास चक्रवर्ती ने कहा कि वह कई सालों से बीमार थीं, लेकिन यह नहीं जानती थी कि वह हमें इतनी जल्दी छोड़ देंगी।