न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 04 Jan 2022 10:02 PM IST
सार
Post-Poll Violence in Bengal : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग NHRC की रिपोर्ट में दुष्कर्म के इन 21 मामलों का जिक्र था। एनएचआरसी की रिपोर्ट में दुष्कर्म व दुष्कर्म के प्रयास के 64 कथित मामलों का उल्लेख था।
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वहीं, सीबीआई ने इन रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि मीडिया के एक वर्ग में प्रकाशित हुई खबरों में किया गया दावा कि हमें इन मामलों में कोई सबूत नहीं मिला है, पूरी तरह गलत है। ऐसी रिपोर्ट में तथ्यों को गलत तरह से प्रस्तुत किया गया है और यह भ्रामक हैं।
सीबीआई प्रवर्ता आरसी जोशी ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को सीबीआई को हत्या, दुष्कर्म और दुष्कर्म के प्रयास के अपराधों से संबंधित मामलों की जांच करने का आदेश दिया था। सीबीआई ने इसी मानक के तहत आने वाले मामले दर्ज किए थे और इन मामलों की जांच की जा रही है।
जोशी ने कहा कि एक जनवरी तक सीबीआई ने 51 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 20 मामलों में 100 से अधिक लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इस मानक के तहत आने वाले और एनएचआरसी की ओर से भेजे गए किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि एनएचआरसी की ओर से भेजी गई यौन अपराधों की 29 शिकायतों में से सीबीआई ने सात सामान्य मुकदमे दर्ज किए हैं और बाकी पर कानूनी प्रक्रिया चल रही है।
बंगाल में चुनाव पश्चात हिंसा की जांच 19 अगस्त को सीबीआई को सौंपी गई थी, जबकि हिंसा के अन्य मामलों की जांच एक रिटायर जज की निगरानी में एसआईटी को सौंपी गई थी।इसके साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट के तत्कालीन पूर्व मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश राजेश बिंदल ने एनएचआरसी, राज्य सरकार, अन्य समितियों व एजेंसियों को चुनाव बाद हिंसा से जुड़े हत्या व महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की प्राप्त शिकायतें व सबूत सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था।
बंगाल सरकार ने चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने के हाईकोर्ट के आदेश को 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।