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पलटवार : भाजपा नेता किरीट सोमैया ने की आईएनएस विक्रांत के लिए जुटाए 50 करोड़ रुपये की हेराफेरी, शिवसेना नेता राउत का आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 06 Apr 2022 12:37 PM IST

सार

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राउत ने इस मामले को सीबीआई, ईडी व आयकर की जांच के लिए एकदम उपयुक्त बताया। 

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मुंबई में 1034 करोड़ के चॉल घोटाले में ईडी द्वारा संपत्ति जब्त किए जाने के दूसरे दिन शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया पर पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सोमैया ने नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के संरक्षण के लिए 50 करोड़ रुपये जुटाकर उसकी हेराफेरी की। यह पैसा सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया गया। 
 

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राउत ने इस मामले को सीबीआई, ईडी व आयकर की जांच के लिए एकदम उपयुक्त बताया। राउत ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में युद्धपोत विक्रांत समेत भारतीय नौसेना ने अहम भूमिका अदा की थी। लेकिन जब इस युद्धपोत की हालत खस्ता होने लगी और उसका रखरखाव करना मुश्किल हो गया हो तो उसे संग्रहालय बनाने का अभियान शुरू हुआ था। इस काम के लिए 200 करोड़ रुपये की जरूरत थी। केंद्र व राज्य सरकारों ने कोई वित्तीय मदद नहीं दी थी। तब देशभर में विक्रांत के संरक्षण के अभियान चले थे। महाराष्ट्र के सभी दला के नेता दिल्ली आकर तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटोनी व प्रधानमंत्री से मिला करते थे। किरीट सोमैया भी उस अभियान का हिस्सा थे। 

शिवसेना नेता राउत ने आरोप लगाया कि सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया था। ‘सेव विक्रांत’ के नाम से चलाए गए अभियान में सोमैया ने अपने कार्यकर्ताओं से चंदा एकत्रित करने को कहा था। टी शर्ट व जर्सी पहनकर कार्यकर्ता मुंबई एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों पर जाया करते थे। उस दौरान लोगों ने विक्रांत के लिए लाखों- करोड़ों रुपये दिए थे। राउत ने दावा किया कि मुझे कल तीन चार लोगों ने फोन कर कहा कि उन्होंने नैवी नगर, चर्च गेट व चेंबुर में 5 से 10 हजार रुपये इस अभियान के लिए दिए थे। 

राजभवन ने कहा कोई राशि जमा नहीं कराई गई 
राउत ने आरोप लगाया कि आईएनएस विक्रांत के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए, लेकिन महाराष्ट्र राजभवन से मिली जानकारी में कहा गया कि एक पैसा भी सरकारी खजाने में जमा नहीं किया गया। जानकारी के अनुसार अभियान के तहत 50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई। लोगों को लगा कि यह सारा पैसा आईएनएस विक्रांत को बचाने में चला जाएगा। सोमैया ने तब सभी अखबारों में कहा कि वे अलग से स्वतंत्र खाता खोलकर राजभवन के खाते में पैसे जमा करा देंगे, लेकिन हमें राजभवन से पता चला है कि ऐसी कोई राशि जमा नहीं की गई है। 

बोफोर्स, अगस्ता व राफेल मामलों का किया जिक्र
शिवसेना नेता राउत ने तंज भरे अंदाज में आरोप लगाने के साथ कहा कि विक्रांत के लिए जुटाई गई राशि बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड्स या राफेल घोटालों से कम हो सकती है, लेकिन यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। महाराष्ट्र सरकार इस मामले की जांच करेगी, लेकिन यह केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है। मैं आयकर और सीबीआई से जांच कराने की अपील करता हूं। यह सीधे तौर पर देशद्रोह का मामला है।

विस्तार

मुंबई में 1034 करोड़ के चॉल घोटाले में ईडी द्वारा संपत्ति जब्त किए जाने के दूसरे दिन शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया पर पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सोमैया ने नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के संरक्षण के लिए 50 करोड़ रुपये जुटाकर उसकी हेराफेरी की। यह पैसा सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया गया। 

 

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राउत ने इस मामले को सीबीआई, ईडी व आयकर की जांच के लिए एकदम उपयुक्त बताया। राउत ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में युद्धपोत विक्रांत समेत भारतीय नौसेना ने अहम भूमिका अदा की थी। लेकिन जब इस युद्धपोत की हालत खस्ता होने लगी और उसका रखरखाव करना मुश्किल हो गया हो तो उसे संग्रहालय बनाने का अभियान शुरू हुआ था। इस काम के लिए 200 करोड़ रुपये की जरूरत थी। केंद्र व राज्य सरकारों ने कोई वित्तीय मदद नहीं दी थी। तब देशभर में विक्रांत के संरक्षण के अभियान चले थे। महाराष्ट्र के सभी दला के नेता दिल्ली आकर तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटोनी व प्रधानमंत्री से मिला करते थे। किरीट सोमैया भी उस अभियान का हिस्सा थे। 

शिवसेना नेता राउत ने आरोप लगाया कि सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया था। ‘सेव विक्रांत’ के नाम से चलाए गए अभियान में सोमैया ने अपने कार्यकर्ताओं से चंदा एकत्रित करने को कहा था। टी शर्ट व जर्सी पहनकर कार्यकर्ता मुंबई एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों पर जाया करते थे। उस दौरान लोगों ने विक्रांत के लिए लाखों- करोड़ों रुपये दिए थे। राउत ने दावा किया कि मुझे कल तीन चार लोगों ने फोन कर कहा कि उन्होंने नैवी नगर, चर्च गेट व चेंबुर में 5 से 10 हजार रुपये इस अभियान के लिए दिए थे। 

राजभवन ने कहा कोई राशि जमा नहीं कराई गई 

राउत ने आरोप लगाया कि आईएनएस विक्रांत के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए, लेकिन महाराष्ट्र राजभवन से मिली जानकारी में कहा गया कि एक पैसा भी सरकारी खजाने में जमा नहीं किया गया। जानकारी के अनुसार अभियान के तहत 50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई। लोगों को लगा कि यह सारा पैसा आईएनएस विक्रांत को बचाने में चला जाएगा। सोमैया ने तब सभी अखबारों में कहा कि वे अलग से स्वतंत्र खाता खोलकर राजभवन के खाते में पैसे जमा करा देंगे, लेकिन हमें राजभवन से पता चला है कि ऐसी कोई राशि जमा नहीं की गई है। 

बोफोर्स, अगस्ता व राफेल मामलों का किया जिक्र

शिवसेना नेता राउत ने तंज भरे अंदाज में आरोप लगाने के साथ कहा कि विक्रांत के लिए जुटाई गई राशि बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड्स या राफेल घोटालों से कम हो सकती है, लेकिन यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। महाराष्ट्र सरकार इस मामले की जांच करेगी, लेकिन यह केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है। मैं आयकर और सीबीआई से जांच कराने की अपील करता हूं। यह सीधे तौर पर देशद्रोह का मामला है।

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