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न्यूयॉर्क टाइम्स की पड़ताल में खुलासा: आईएस आतंकियों नहीं, निर्दोषों को निशाना बनाया था अमेरिकी ड्रोन ने

न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस, वाशिंगटन।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 12 Sep 2021 06:53 AM IST

सार

अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी जांच पड़ताल में पाया है कि अमेरिकी सेना ने जिस ड्रोन हमले में कार समेत ड्राइवर जेमारी अहमदी (46) समेत दस लोगों को उड़ाया उसमें बम नहीं था।

ड्रोन हमले में इन मासूमों और तीन अन्य बच्चों समेत दस मारे गए थे।
– फोटो : सोशल मीडिया

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अफगानिस्तान के काबुल में कार में बम होने के आधार पर अमेरिकी सेना द्वारा किए गए ड्रोन हमले का सच सामने आ गया है। कार में विस्फोटक नहीं बल्कि पानी के कनस्तर थे। अमेरिकी सेना ने महज संदेह पर उसे उड़ा दिया था। नतीजे में छह मासूम बच्चों समेत 10 निर्दोश आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ी।

अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी जांच पड़ताल में पाया है कि अमेरिकी सेना ने जिस ड्रोन हमले में कार समेत ड्राइवर जेमारी अहमदी (46) समेत दस लोगों को उड़ाया उसमें बम नहीं था। जांच पड़ताल से पता चला, हमले के दिन जेमारी लोगों को काम पर छोड़ने और लाने का काम कर रहे थे। सेना कार में बम लोड करने की बात कर रही थी जबकि वो पानी के कनस्तर थे, जिन्हें अहमदी ने कार में लोड किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने ये खुलासा कार ड्राइवर के सहकर्मियों, परिवार से बातचीत और वीडियो साक्ष्यों के अध्ययन के बाद किया है।

क्या कार में कोई दूसरा भी धमाका हुआ? : ये भी पता किया गया है कि कार ड्राइवर का आईएसआईएस से संबंध तो नहीं था? ड्रोन से हमले के बाद कार में क्या कोई धमाका हुआ था। जांच पड़ताल के आधार पर अखबार ने कार में बम न होने का दावा किया है। साथ ही ये भी स्पष्ट किया है कि ये हमला एक चूक थी जिसमें बेकसूर और मासूम बच्चे अपनी जान से हाथ गंवा बैठे।

आईएसआईएस सेफ हाउस गई थी कार
अमेरिकी सैन्यअधिकारियों ने ये खुद बताया है कि जब कार पर ड्रोन हमला किया गया तब उन्हें कार के ड्राइवर से जुड़ी कोई जानकारी उनके पास नहीं थी। सेना ने उसकी दैनिक गतिविधियों के आधार पर उसपर संदेह किया। संभावना जताई गई थी कि कार आईएसआईएस के सेफ हाउस गई थी और उसमें विस्फोटक भी लादे गए थे। इसी आधार पर कार को निशाना बनाकर हमला किया गया था।

एक जैसी कार के भ्रम में कार्रवाई
सैन्य अधिकारियों का कहना है कि कार को जहां हमने स्पॉट किया उसे हमने आईएस का सेफ हाउस समझा जो उत्तर पश्चिम में स्थित हवाई अड्डे से पांच किमी. दूर था। इसके बाद कार तीन जगह रुकी और दो यात्रियों को बैठाया और लैपटॉप के साथ निकल गए। इसके बाद उसकी लोकेशन उस जगह मिली, जहां से आईएसआईएस न कार से रॉकेट हमले की बात कही थी।

कार का 12 किमी तक किया था पीछा
सेना ने कार का 12 किलोमीटर तक ड्रोन से पीछा किया। इस दौरान देखा कि एक जगह अहमदी अपने कुछ भारी चीजें गाड़ी में लोड कर रहे थे। टीम ने इसे विस्फोटक समझ लिया। यात्रियों ने बताया है कि कार में सिर्फ लैपटॉप और पानी का कनस्तर था। हां हमेशा खुश रहने वाले अहमदी उस दिन तालिबान को लेकर चिंतित थे। उन्होंने उस दिन कार में गाना भी नहीं चलाया था।

विस्तार

अफगानिस्तान के काबुल में कार में बम होने के आधार पर अमेरिकी सेना द्वारा किए गए ड्रोन हमले का सच सामने आ गया है। कार में विस्फोटक नहीं बल्कि पानी के कनस्तर थे। अमेरिकी सेना ने महज संदेह पर उसे उड़ा दिया था। नतीजे में छह मासूम बच्चों समेत 10 निर्दोश आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ी।

अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी जांच पड़ताल में पाया है कि अमेरिकी सेना ने जिस ड्रोन हमले में कार समेत ड्राइवर जेमारी अहमदी (46) समेत दस लोगों को उड़ाया उसमें बम नहीं था। जांच पड़ताल से पता चला, हमले के दिन जेमारी लोगों को काम पर छोड़ने और लाने का काम कर रहे थे। सेना कार में बम लोड करने की बात कर रही थी जबकि वो पानी के कनस्तर थे, जिन्हें अहमदी ने कार में लोड किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने ये खुलासा कार ड्राइवर के सहकर्मियों, परिवार से बातचीत और वीडियो साक्ष्यों के अध्ययन के बाद किया है।

क्या कार में कोई दूसरा भी धमाका हुआ? : ये भी पता किया गया है कि कार ड्राइवर का आईएसआईएस से संबंध तो नहीं था? ड्रोन से हमले के बाद कार में क्या कोई धमाका हुआ था। जांच पड़ताल के आधार पर अखबार ने कार में बम न होने का दावा किया है। साथ ही ये भी स्पष्ट किया है कि ये हमला एक चूक थी जिसमें बेकसूर और मासूम बच्चे अपनी जान से हाथ गंवा बैठे।

आईएसआईएस सेफ हाउस गई थी कार

अमेरिकी सैन्यअधिकारियों ने ये खुद बताया है कि जब कार पर ड्रोन हमला किया गया तब उन्हें कार के ड्राइवर से जुड़ी कोई जानकारी उनके पास नहीं थी। सेना ने उसकी दैनिक गतिविधियों के आधार पर उसपर संदेह किया। संभावना जताई गई थी कि कार आईएसआईएस के सेफ हाउस गई थी और उसमें विस्फोटक भी लादे गए थे। इसी आधार पर कार को निशाना बनाकर हमला किया गया था।

एक जैसी कार के भ्रम में कार्रवाई

सैन्य अधिकारियों का कहना है कि कार को जहां हमने स्पॉट किया उसे हमने आईएस का सेफ हाउस समझा जो उत्तर पश्चिम में स्थित हवाई अड्डे से पांच किमी. दूर था। इसके बाद कार तीन जगह रुकी और दो यात्रियों को बैठाया और लैपटॉप के साथ निकल गए। इसके बाद उसकी लोकेशन उस जगह मिली, जहां से आईएसआईएस न कार से रॉकेट हमले की बात कही थी।

कार का 12 किमी तक किया था पीछा

सेना ने कार का 12 किलोमीटर तक ड्रोन से पीछा किया। इस दौरान देखा कि एक जगह अहमदी अपने कुछ भारी चीजें गाड़ी में लोड कर रहे थे। टीम ने इसे विस्फोटक समझ लिया। यात्रियों ने बताया है कि कार में सिर्फ लैपटॉप और पानी का कनस्तर था। हां हमेशा खुश रहने वाले अहमदी उस दिन तालिबान को लेकर चिंतित थे। उन्होंने उस दिन कार में गाना भी नहीं चलाया था।

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