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नेपाल : पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम किया घोषित

एजेंसी, काठमांडो
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 10 Aug 2021 01:24 AM IST

प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा
– फोटो : pti

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नेपाल में पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसमें सभी नागरिकों को कोविड से बचाव की वैक्सीन मुफ्त लगाने, उद्योगों को राहत देने, कमजोर तबके के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं से भ्रष्टाचार खत्म करने और राजनीतिक शांति प्रक्रिया पूरी करने की घोषणा की गई।

14 पन्नों का यह दस्तावेज नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के समन्वयक पूर्ण खडका ने सार्वजनिक किया। इस सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड, जनता समाजवादी पार्टी के चेयरमैन उपेंद्र यादव और राष्ट्रीय जनमोर्चा के अध्यक्ष चित्र बहादुर केसी मौजूद थे।

कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख का मसला भी सुलझाएंगे
साझा कार्यक्रम में संतुलित विदेश नीति का वादा किया गया है। राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, राष्ट्रहित के खिलाफ पूर्व में किए गए सभी समझौतों की समीक्षा करने और पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाने की घोषणा की गई है। जिन सीमा विवादों को सुलझाने की बात कही गई है उनमें भारत के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख इलाके भी शामिल हैं। ओली सरकार ने इन इलाकों को नेपाल का हिस्सा बताया था।

विस्तार

नेपाल में पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसमें सभी नागरिकों को कोविड से बचाव की वैक्सीन मुफ्त लगाने, उद्योगों को राहत देने, कमजोर तबके के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं से भ्रष्टाचार खत्म करने और राजनीतिक शांति प्रक्रिया पूरी करने की घोषणा की गई।

14 पन्नों का यह दस्तावेज नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के समन्वयक पूर्ण खडका ने सार्वजनिक किया। इस सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड, जनता समाजवादी पार्टी के चेयरमैन उपेंद्र यादव और राष्ट्रीय जनमोर्चा के अध्यक्ष चित्र बहादुर केसी मौजूद थे।

कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख का मसला भी सुलझाएंगे

साझा कार्यक्रम में संतुलित विदेश नीति का वादा किया गया है। राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, राष्ट्रहित के खिलाफ पूर्व में किए गए सभी समझौतों की समीक्षा करने और पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाने की घोषणा की गई है। जिन सीमा विवादों को सुलझाने की बात कही गई है उनमें भारत के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख इलाके भी शामिल हैं। ओली सरकार ने इन इलाकों को नेपाल का हिस्सा बताया था।

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