एजेंसी, मुंबई।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 28 Mar 2022 04:00 AM IST
सार
बोली लगाने वाली कंपनियों में टाटा एआईजी, जापानी कंपनी निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोंबार्ड, अदाणी फिनसर्व, एचडीएफसी अर्गो के अलावा, पूनावाला फाइनेंस, पीरामल फाइनेंस, ओकट्री कैपिटल, चोलामंडलम, बंधन फाइनेंशियल, यस बैंक और केकेआर के साथ टीपीजी जैसी प्राइवेट इक्विटी कंपनियां हैं।
कर्ज के बोझ तले दबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 54 कंपनियों ने बोली लगाई है। इसमें टाटा एआईजी, जापानी कंपनी निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोंबार्ड, अदाणी फिनसर्व, एचडीएफसी अर्गो और अन्य शामिल हैं।
इनके अलावा, पूनावाला फाइनेंस, पीरामल फाइनेंस, ओकट्री कैपिटल, चोलामंडलम, बंधन फाइनेंशियल, यस बैंक और केकेआर के साथ टीपीजी जैसी प्राइवेट इक्विटी कंपनियां हैं। दरअसल, रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त किए गए प्रशासक ने बोली की अंतिम तारीख बढ़ाकर 25 मार्च कर दी थी, जो पहले 11 मार्च थी।
हालांकि बोली लगाने के लिए दो विकल्प दिया गया था जिसमें रिलायंस कैपिटल को पूरा खरीदने के बजाय इसकी एक या दो कंपनियां भी ले खरीद सकते हैं। इसकी अन्य कंपनियों में जनरल इंश्योरेंस, होम फाइनेंस, असेट कंस्ट्रक्शन और कमर्शियल फाइनेंस कंपनी है।
रिलायंस कैपिटल देश की तीसरी सबसे बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी थी, जिसके खिलाफ यह कदम उठाया गया था। पिछले साल 29 नवंबर को पेमेंट में चूकने पर इसके निदेशक मंडल को रिजर्व बैंक ने भंग कर दिया था। बोली लगाने वाली कंपनियों ने ही तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की थी।
विस्तार
कर्ज के बोझ तले दबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 54 कंपनियों ने बोली लगाई है। इसमें टाटा एआईजी, जापानी कंपनी निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोंबार्ड, अदाणी फिनसर्व, एचडीएफसी अर्गो और अन्य शामिल हैं।
इनके अलावा, पूनावाला फाइनेंस, पीरामल फाइनेंस, ओकट्री कैपिटल, चोलामंडलम, बंधन फाइनेंशियल, यस बैंक और केकेआर के साथ टीपीजी जैसी प्राइवेट इक्विटी कंपनियां हैं। दरअसल, रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त किए गए प्रशासक ने बोली की अंतिम तारीख बढ़ाकर 25 मार्च कर दी थी, जो पहले 11 मार्च थी।
हालांकि बोली लगाने के लिए दो विकल्प दिया गया था जिसमें रिलायंस कैपिटल को पूरा खरीदने के बजाय इसकी एक या दो कंपनियां भी ले खरीद सकते हैं। इसकी अन्य कंपनियों में जनरल इंश्योरेंस, होम फाइनेंस, असेट कंस्ट्रक्शन और कमर्शियल फाइनेंस कंपनी है।
रिलायंस कैपिटल देश की तीसरी सबसे बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी थी, जिसके खिलाफ यह कदम उठाया गया था। पिछले साल 29 नवंबर को पेमेंट में चूकने पर इसके निदेशक मंडल को रिजर्व बैंक ने भंग कर दिया था। बोली लगाने वाली कंपनियों ने ही तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की थी।
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