इसके साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,13,481 हो गई है। वहीं, 23,598 संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं। देशभर में यह संख्या बढ़कर 4,22,70,482 हो गई है। मौजूदा समय में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 98.52 है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,21,881 यानी कि 0.28 फीसदी है। वहीं, दैनिक सकारात्मक दर 1.01 फीसदी पर है, जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 1.36 फीसदी दर्ज किया गया है। राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में 1,77,17,68,379 करोड़ से अधिक को टीके की खुराक दी जा चुकी है।
कोरोना महामारी में अनाथ बच्चों वाली लैंसेट की रिपोर्ट पर घमासान
राष्ट्रीय बाल आयोग ने कोरोना काल में अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की रिपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय संस्था लैंसेट के आंकड़ों पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसके लिए आयोग ने लैंसेट के एडिटर को पत्र लिखकर सात दिन के भीतर आंकड़ों के आधार स्रोत और शोध रिपोर्ट देने को कहा है। लैंसेटमें रिपोर्ट में 19 लाख बच्चों के अभिभावकों को खोने का दावा किया है।
भारत में कोरोना संक्रमण के चलते अनाथ हुए बच्चों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके लिए आयोग हर महीने सुप्रीम कोर्ट को ताजा आंकड़े उपलब्ध कराता है। आयोग का दावा है कि सघन निगरानी और सतत कार्य के चलते इस तरह के बच्चों के आंकड़े पारदर्शी और राज्यों से मिले हुए हैं। लिहाजा इसमें गुंजाइश की संभावना हो ही नहीं सकती।
आयोग द्वारा एकत्र किए जा रहे अन्य स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2022 तक कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य कारणों से अपने अभिभावकों और एकल अभिभावक को खोने वाले कुल बच्चों की संख्या 1,53,827 है। इसमें अनाथ होने वाले बच्चों की संख्या 10,386 है। जबकि 1,42,949 ने किसी एक अभिभावक को खोया है। 492 बच्चे पूरी तरह से बेसहारा हो गए हैं।
उधर, माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी लैंसेट की रिपोर्ट पर सरकार को घेरा उन्होंने मोदी सरकार से जवाबदेही तय करने को कहा है।