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नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ीं: कोर्ट ने सात मार्च तक हिरासत बढ़ाई, आज खत्म हो रही थी ईडी की कस्टडी

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक को विशेष अदालत ने 7 मार्च तक दोबारा ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने 23 फरवरी को मलिक को गिरफ्तार किया था। कोर्ट से 3 मार्च तक कस्टडी मिली थी। हिरासत अवधि खत्म होने की वजह से उन्हें बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश किया गया था।

विशेष अदालत के न्यायाधीश राहुल रोकड़े के समक्ष मलिक की पेशी के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने और मलिक की ओर से अमित देसाई व तारक सैय्यद ने पैरवी की है। कोर्ट में मलिक की कस्टडी को लेकर तकरीबन दो घंटे तक बहस हुई है। सिंह ने कहा, हमने हसीना पारकर के बेटे और जेल में बंद आरोपी का बयान अदालत को सौंपा है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब भी कई लोगों से पूछताछ के अलावा जो नई जानकारियां आई हैं, उसकी भी जांच करनी है। तबीयत खराब होने की वजह से मलिक 25 से 28 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती थे। इसलिए मलिक का बयान दर्ज नहीं हो सका है। लिहाजा, हिरासत अवधि बढ़ाई जाए।

वहीं, मलिक के वकील देसाई ने कहा, ईडी अगर चाहती तो अस्पताल जाकर भी पूछताछ कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके मद्देनजर न्यायाधीश ने मलिक की हिरासत को चार दिनों के लिए बढ़ा दिया। इससे पहले कोर्ट ने आरोपी की ओर से ईडी की हिरासत का विरोध वाले आवेदन को खारिज कर दिया।

नवाब ने हसीना को 55 नहीं सिर्फ 5 लाख दिए
नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने कहा, ईडी ने रिमांड आवेदन में आरोप लगाया था कि मलिक ने भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को कुर्ला की जमीन के लिए 55 लाख रुपये दिए थे। लेकिन आज इसे प्रिंटिंग मिस्टेक बताते हुए सिर्फ 5 लाख दिए जाने की बात कही जा रही है। जबकि इसी आवेदन के आधार पर मलिक को ईडी की हिरासत में भेजा गया।

इसी के आधार पर मलिक पर टेरर फंडिंग का भी आरोप लगाया गया है। देसाई ने कहा, किसी को गिरफ्तार करने से पहले 20 बार सोचना चाहिए। सारे तथ्य इकट्ठा करने के बाद कोई कार्रवाई की जानी चाहिए। ईडी को होमवर्क करने की जरूरत है।

जवाब में सिंह ने कहा, एक गवाह ने अपने बयान में पांच लाख रुपये की बात कही थी जो टाईप करते वक्त 55 लाख हो गया। जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन अब इस गलती का एहसास हुआ है जिसे सुधार लिया गया है।

बाला साहब ठाकरे होते तो एक मिनट में ले लेते मलिक का इस्तीफा: फडणवीस  
महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को दोनों सदनों में प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे का मुद्दा गूंजा। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा, बाला साहब ठाकरे जीवित होते तो एक मिनट में मलिक का इस्तीफा ले लेते। उन्होंने कहा यह हैरान करने वाली बात है, कैबिनेट मंत्री के जेल जाने के बावजूद इस्तीफा नहीं लिया जा रहा है।

क्या जेल से ऑनलाइन जवाब देंगे मलिक: दरेकर
विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा, मलिक जेल में हैं। यदि उनके अधीन विभागों से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे, तो क्या मलिक जेल से ऑनलाइन जवाब देंगे। उन्होंने कहा, विपक्ष लगातार मलिक का इस्तीफा मांग रहा है, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर ही नहीं हो रहा है।

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