एजेंसी, हैमिल्टन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sun, 29 Aug 2021 06:53 AM IST
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शोध में पता चला कि यह चूहों के भूरे वसा ऊतकों में कैलोरी खर्च होने की प्रक्रिया धीमा कर देता है। कम कैलोरी के खर्च होने से थर्मोजेनेसिस प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे शरीर अतिरिक्त कैलोरी जमा करने लगता है और यह मोटापे का कारण बनता है। खोज भूरी वसा कोशिकाओं पर इस्तेमाल होने वाले 34 कीटनाशकों के अध्ययन के आधार पर की गई है।
जीवनशैली में बदलावों से भी समस्या
भूरी वसा ठंडे मौसम में व भोजन के दौरान सक्रिय रहती है। जीवनशैली में बदलावों से अक्सर स्थायी तौर पर वजन कम नहीं होता है। समस्या के पीछे क्लोरपाइरीफोस है, जो हमारी चयापचय भट्टी को सुस्त कर देता है।
इसलिए अहम है भूरी वसा
भूरी वसा हमारे शरीर में चयापचय भट्टी की तरह काम करती है, जो सामान्य वसा के विपरीत कैलोरी को जलाती है। इससे जो गर्मी उत्पन्न होती है वह कैलोरी को हमारे शरीर में सामान्य सफेद वसा के रूप में जमा होने से रोकती है।
कम कैलोरी का इस्तेमाल होना ज्यादातर अध्ययनों ने वजन बढ़ने के लिए ज्यादा भोजन को जिम्मेदार माना जाता रहा है। जबकि, असल समस्या कम कैलोरी का इस्तेमाल होना है। हालांकि, इस अध्ययन का इंसानों पर परीक्षण नहीं हुआ है, लेकिन यह कहना सुरक्षित ही होगा कि ज्यादा से ज्यादा भोजन ऐसे करें जो कीटनाशक मुक्त हो।
