पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Fri, 20 Aug 2021 11:33 AM IST
सार
वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने एनसीएलएटी में याचिका दायर कर कालरॉक-जालान के रिजॉल्यूशन प्लान की स्वीकृति खारिज करने की मांग की है।
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विस्तार
वेतन जैसे मुद्दों को लेकर चिंतित कर्मचारी
दरअसल कर्मचारी बकाया वेतन जैसे मुद्दों को लेकर चिंतित हैं। याचिका में जेट एयरवेज केबिन क्रू एसोसिएशन और भारतीय कामगार सेना ने कहा कि एयरलाइन के सभी कर्मचारियों के बकाया को कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) लागत के हिस्से के रूप में शामिल नहीं किया गया था।
NCLT ने रिजॉल्यूशन प्लान को दी थी मंजूरी
मालूम हो कि संकट में फंसी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने कुछ शर्तों के साथ जून 2021 में जेट एयरवेज के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। जेट एयरवेज का परिचालन 18 अप्रैल 2019 से बंद है।
कर्मचारियों के दो समूहों ने किया अनुरोध
अब कर्मचारियों के दो समूहों ने एनसीएलएटी से अनुरोध किया है कि वह एनसीएलटी द्वारा समूह की समाधान योजना को मंजूरी के आदेश को निरस्त करे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया कि उनकी याचिका पर सुनवाई होने तक आदेश लागू करने पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया है कि रिजॉल्यूशन प्लान में जेट एयरवेज की सहायक कंपनी एयरजेट ग्राउंड सर्विसेज लिमिटेड को अलग किया जाना शामिल है। एयरलाइन के कर्मचारियों की सेवाएं, जो समाधान योजना की मंजूरी की तारीख तक पेरोल पर थे, उन्हें अलग कर दी गई इकाई में स्थानांतरित करने का भी योजना में प्रस्ताव है। सदसयों को मार्च 2019 के बाद से वेतन नहीं मिला है।
1,375 करोड़ रुपये कैश निवेश करने का प्रस्ताव
रिजॉल्यूशन प्लान के अनुसार, सफल बोलीकर्ता ने जेट एयरवेज के रिवाइवल के लिए 1,375 करोड़ रुपये कैश निवेश करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें कहा गया है कि एनसीएलटी की मंजूरी मिलने के बाद छह महीने के भीतर 30 एयरक्राफ्ट्स के साथ एयरलाइन फिर से कामकाज शुरू कर देगी।
