एजेंसी, बीजिंग।
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 07 Mar 2022 10:44 PM IST
सार
जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस (एमएससी) 2022 में एक पैनल वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा था कि भारत एलएसी पर चीन के साथ समस्या का सामना कर रहा है।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन को पिछले कुछ साल में ‘थोड़ी मुश्किलों का सामना’ करना पड़ा है जो दोनों देशों के बुनियादी हितों में नहीं है। वांग ने सीमा संबंधी मतभेदों का समाधान बातचीत से निकालने की वकालत की। उन्होंने अमेरिका की तरफ इशारा करते हुए कहा, कुछ ताकतों ने भारत-चीन के बीच हमेशा तनाव पैदा करने की कोशिश की है।
वांग ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा संबंधी मुद्दे और रिश्तों पर बोलते हुए कहा, दोनों देशों को प्रतिद्वंद्वी होने के बजाय साझेदार होना चाहिए। बता दें, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले माह कहा था कि सीमा पर सैन्य बलों को नहीं भेजने के समझौतों का बीजिंग द्वारा उल्लंघन करने के बाद चीन से भारत के रिश्ते इस समय ‘बहुत मुश्किल दौर’ से गुजर रहे हैं। जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस (एमएससी) 2022 में एक पैनल वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा था कि भारत एलएसी पर चीन के साथ समस्या का सामना कर रहा है। दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील के इलाकों में हिंसक संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध के हालात पैदा हो गए थे और दोनों ही देशों ने वहां पर हजारों सैनिकों तथा भारी हथियारों को बढ़ा दिया। गलवां घाटी में 15 जून, 2020 को घातक संघर्ष के बाद तनाव बढ़ गया था।
भारत और चीन प्रतिद्वंदी नहीं साझेदार बनें
चीन ने विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी सालाना प्रेसवार्ता में कहा कि दोनों देशों को प्रतिद्वंद्वियों के बजाय एक-दूसरे का साझेदार होना चाहिए। उन्होंने कहा भारत-चीन को आपसी सफलता के लिए भागीदार बनना चाहिए, न कि आपसी संघर्ष करने वाले पड़ोसी। उन्होंने सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर कहा कि इससे जुड़े मसलों से बड़ी तस्वीर को प्रभावित नहीं करना चाहिए।
क्वाड-ऑकस भयावह
चार देशों के गठबंधन क्वाड को लेकर वांग यी ने कहा कि अमेरिका का हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक लक्ष्य नाटो का इस इलाके में संस्करण स्थापित करना है। उन्होंने कहा, क्वाड और ऑकस मिलकर 5 आंखें हैं जो कि भयावह है। यी ने कहा, चीन छोटे घेरे बनाने की कोशिशों को खारिज करता है और एक साझा भविष्य के साथ एक एशिया-प्रशांत समुदाय का निर्माण करने को तैयार है।
विस्तार
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन को पिछले कुछ साल में ‘थोड़ी मुश्किलों का सामना’ करना पड़ा है जो दोनों देशों के बुनियादी हितों में नहीं है। वांग ने सीमा संबंधी मतभेदों का समाधान बातचीत से निकालने की वकालत की। उन्होंने अमेरिका की तरफ इशारा करते हुए कहा, कुछ ताकतों ने भारत-चीन के बीच हमेशा तनाव पैदा करने की कोशिश की है।
वांग ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा संबंधी मुद्दे और रिश्तों पर बोलते हुए कहा, दोनों देशों को प्रतिद्वंद्वी होने के बजाय साझेदार होना चाहिए। बता दें, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले माह कहा था कि सीमा पर सैन्य बलों को नहीं भेजने के समझौतों का बीजिंग द्वारा उल्लंघन करने के बाद चीन से भारत के रिश्ते इस समय ‘बहुत मुश्किल दौर’ से गुजर रहे हैं। जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस (एमएससी) 2022 में एक पैनल वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा था कि भारत एलएसी पर चीन के साथ समस्या का सामना कर रहा है। दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील के इलाकों में हिंसक संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध के हालात पैदा हो गए थे और दोनों ही देशों ने वहां पर हजारों सैनिकों तथा भारी हथियारों को बढ़ा दिया। गलवां घाटी में 15 जून, 2020 को घातक संघर्ष के बाद तनाव बढ़ गया था।
भारत और चीन प्रतिद्वंदी नहीं साझेदार बनें
चीन ने विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी सालाना प्रेसवार्ता में कहा कि दोनों देशों को प्रतिद्वंद्वियों के बजाय एक-दूसरे का साझेदार होना चाहिए। उन्होंने कहा भारत-चीन को आपसी सफलता के लिए भागीदार बनना चाहिए, न कि आपसी संघर्ष करने वाले पड़ोसी। उन्होंने सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर कहा कि इससे जुड़े मसलों से बड़ी तस्वीर को प्रभावित नहीं करना चाहिए।
क्वाड-ऑकस भयावह
चार देशों के गठबंधन क्वाड को लेकर वांग यी ने कहा कि अमेरिका का हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक लक्ष्य नाटो का इस इलाके में संस्करण स्थापित करना है। उन्होंने कहा, क्वाड और ऑकस मिलकर 5 आंखें हैं जो कि भयावह है। यी ने कहा, चीन छोटे घेरे बनाने की कोशिशों को खारिज करता है और एक साझा भविष्य के साथ एक एशिया-प्रशांत समुदाय का निर्माण करने को तैयार है।
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