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खेल मंत्रालय : भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव नहीं कराने की पैरवी की, 10 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 04 Dec 2021 06:26 AM IST

सार

भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव पर लगी रोक के खिलाफ आईओए का एक धड़ा सुप्रीम कोर्ट की शरण लेने की तैयारी में है। हालांकि मंत्रालय के इस कदम पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) नजरें तिरछी कर सकती है। फैसला 10 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में होगा।

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भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव नहीं कराने की पैरवी खेल मंत्रालय ने भी कर दी है। खेल मंत्रालय की ओर से अदालत में दाखिल हलफनामे के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक जारी रखी है। फैसला 10 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में होगा।

मंत्रालय के हस्तक्षेप पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति कर सकती है नजरें तिरछी
चुनाव पर लगी रोक के खिलाफ आईओए का एक धड़ा सुप्रीम कोर्ट की शरण लेने की तैयारी में है। हालांकि मंत्रालय के इस कदम पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) नजरें तिरछी कर सकती है।

आईओसी संविधान के अनुसार कोई भी सरकार उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसी आधार पर साल 2012 में आईओसी ने आईओए को प्रतिबंधित कर दिया था। भारतीय टीमों को आईओसी के झंडे तले खेलना पड़ा था।

स्पोट्र्स कोड के अनुसार आईओए के संविधान में एक क्लॉज शामिल नहीं होने के चलते मंत्रालय ने अदालत के अंतरिम आदेश के अनुसार चुनावी प्रक्रिया जारी नहीं रखने का हलफनामा अदालत में दाखिल किया है। इसके आधार पर ही अदालत ने चुनाव पर रोक को जारी रखा। अदालत ने चुनाव की सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जारी कार्यवाही पर भी रोक लगाने को कहा है।

विस्तार

भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव नहीं कराने की पैरवी खेल मंत्रालय ने भी कर दी है। खेल मंत्रालय की ओर से अदालत में दाखिल हलफनामे के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक जारी रखी है। फैसला 10 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में होगा।

मंत्रालय के हस्तक्षेप पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति कर सकती है नजरें तिरछी

चुनाव पर लगी रोक के खिलाफ आईओए का एक धड़ा सुप्रीम कोर्ट की शरण लेने की तैयारी में है। हालांकि मंत्रालय के इस कदम पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) नजरें तिरछी कर सकती है।

आईओसी संविधान के अनुसार कोई भी सरकार उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसी आधार पर साल 2012 में आईओसी ने आईओए को प्रतिबंधित कर दिया था। भारतीय टीमों को आईओसी के झंडे तले खेलना पड़ा था।

स्पोट्र्स कोड के अनुसार आईओए के संविधान में एक क्लॉज शामिल नहीं होने के चलते मंत्रालय ने अदालत के अंतरिम आदेश के अनुसार चुनावी प्रक्रिया जारी नहीं रखने का हलफनामा अदालत में दाखिल किया है। इसके आधार पर ही अदालत ने चुनाव पर रोक को जारी रखा। अदालत ने चुनाव की सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जारी कार्यवाही पर भी रोक लगाने को कहा है।

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