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खुलासा: ट्रंप के आगे झुका था, रिकॉर्ड किए थे खुफिया समिति के दो सदस्यों के फोन

पीटीआई, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Sat, 12 Jun 2021 11:59 AM IST

सार

एपल ने अप्रैल में भी गोपनीयता बढ़ा दी थी जब उसने आईफोन पर निजता के नियंत्रण को बढ़ा दिया जिससे फेसबुक जैसी कंपनियों के लिए विज्ञापन बेचने के लिए लोगों की ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो गया।

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निजता के संरक्षक की अपनी छवि का बचाव करते हुए प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एपल ने कहा कि पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की जांच से उसके हाथ बंधे हुए थे जिसके कारण मजबूरन कंपनी को डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसदों के फोन के डाटा सौंपने पड़े। एपल ने रूस से संबंधों पर ट्रंप की जांच से जुड़ी सूचनाओं के लीक होने का पता लगाने के लिए अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा कानूनी ताकत आजमाए जाने की आक्रामक कोशिशों के बारे में शुक्रवार को विस्तार से बताया।

अमेरिकी न्याय विभाग एपल को एक सम्मन जारी करने के लिए एक संघीय न्यायाधीश को मनाने में कामयाब हो गया जिसके चलते एपल को 2018 के दौरान सदन की खुफिया समिति के सदस्य एडम शिफ और एरिक स्वालवेल के फोन रिकॉर्ड और संदेश संबंधी जानकारियां देनी पड़ी। कैलिफोर्निया के दोनों डेमोक्रेटिक सांसद रूस के साथ ट्रंप के संबंधों की जांच कर रही समिति का अहम हिस्सा हैं। न तो शिफ और न ही स्वालवेल को पता था कि कुछ जानकारी पांच मई तक जब्त कर ली गई।

एपल द्वारा सम्मन का पालन करने का खुलासा ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने अपने विपणन अभियानों में निजता को ‘‘मौलिक मानवाधिकार’’ के तौर पर दिखाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। एपल ने अप्रैल में भी गोपनीयता बढ़ा दी थी जब उसने आईफोन पर निजता के नियंत्रण को बढ़ा दिया जिससे फेसबुक जैसी कंपनियों के लिए विज्ञापन बेचने के लिए लोगों की ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो गया।
 

एपल ने एक बयान में कहा कि वह निजी जानकारी देने की अनुचित कानूनी मांगों के खिलाफ लड़ता रहेगा और उपभोक्ताओं को उनके बारे में सूचित करेगा, हालांकि इस मामले में एपल ने कहा कि वह संघीय मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के हस्ताक्षर वाले आदेश से बंधा हुआ था और उसे जांच की प्रकृति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

विस्तार

निजता के संरक्षक की अपनी छवि का बचाव करते हुए प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एपल ने कहा कि पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की जांच से उसके हाथ बंधे हुए थे जिसके कारण मजबूरन कंपनी को डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसदों के फोन के डाटा सौंपने पड़े। एपल ने रूस से संबंधों पर ट्रंप की जांच से जुड़ी सूचनाओं के लीक होने का पता लगाने के लिए अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा कानूनी ताकत आजमाए जाने की आक्रामक कोशिशों के बारे में शुक्रवार को विस्तार से बताया।

अमेरिकी न्याय विभाग एपल को एक सम्मन जारी करने के लिए एक संघीय न्यायाधीश को मनाने में कामयाब हो गया जिसके चलते एपल को 2018 के दौरान सदन की खुफिया समिति के सदस्य एडम शिफ और एरिक स्वालवेल के फोन रिकॉर्ड और संदेश संबंधी जानकारियां देनी पड़ी। कैलिफोर्निया के दोनों डेमोक्रेटिक सांसद रूस के साथ ट्रंप के संबंधों की जांच कर रही समिति का अहम हिस्सा हैं। न तो शिफ और न ही स्वालवेल को पता था कि कुछ जानकारी पांच मई तक जब्त कर ली गई।

एपल द्वारा सम्मन का पालन करने का खुलासा ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने अपने विपणन अभियानों में निजता को ‘‘मौलिक मानवाधिकार’’ के तौर पर दिखाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। एपल ने अप्रैल में भी गोपनीयता बढ़ा दी थी जब उसने आईफोन पर निजता के नियंत्रण को बढ़ा दिया जिससे फेसबुक जैसी कंपनियों के लिए विज्ञापन बेचने के लिए लोगों की ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो गया।

 

एपल ने एक बयान में कहा कि वह निजी जानकारी देने की अनुचित कानूनी मांगों के खिलाफ लड़ता रहेगा और उपभोक्ताओं को उनके बारे में सूचित करेगा, हालांकि इस मामले में एपल ने कहा कि वह संघीय मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के हस्ताक्षर वाले आदेश से बंधा हुआ था और उसे जांच की प्रकृति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

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