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केरल: बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या 42 हुई, विजयन बोले- सरकार पीड़ितों के साथ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Wed, 20 Oct 2021 11:11 PM IST

सार

इससे पहले बुधवार को सदन की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश की अगुआई में सदन के सदस्यों ने बाढ़ पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद देने के वादे के साथ विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश ने बुधवार को सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

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केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में बुधवार को कहा कि राज्य के दक्षिण-मध्य जिलों में हाल ही में अचानक आई बाढ़ और  विनाशकारी भूस्खलन में कुल 42 लोगों की जान चली गई और 217 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए। मुख्यमंत्री पिनाराई ने सदन को बताया कि दक्षिण इलाकों में भारी बारिश में छह लोग लापता हैं और बाढ़ पीड़ितों के लिये 304 पुनर्वास शिविर खोले गए हैं।

इससे पहले बुधवार को सदन की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश की अगुआई में सदन के सदस्यों ने बाढ़ पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद देने के वादे के साथ विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश ने बुधवार को सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। अध्यक्ष राजेश ने सदन को बताया कि विधायकों को बाढ़ राहत कार्यक्रमों के समन्वय के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाना है, इसलिए सत्र को बारिश की ताजा चेतावनी के मद्देनजर अगले दो दिनों के लिए रद्द किया जाता है। सदन की बैठक 25 अक्तूबर से फिर से बुलाई जानी थी।

सरकार शोक संतप्त परिवारों के साथ : मुख्यमंत्री
बारिश से संबंधित आपदाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने विधानसभा में कहा कि अप्रत्याशित त्रासदी न केवल पीड़ितों के परिवार के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए असहनीय थी। विजियन ने कहा कि कई वर्षों तक जीवित रहे 42 लोग अचानक आई चार दिनों की मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में काल के गाल में समा गए। इस हादसे से उनके परिवार के सदस्यों को अपूरणीय क्षति हुई है। सदन उनके दर्द को टूटे हुए दिल से साझा कर रहा है।

यह आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शोक संतप्त परिवारों को कभी नहीं छोड़ेगी। इसकी देखभाल और विचार बचाव और राहत उपायों और उनकी आजीविका की स्थिति की बहाली में परिलक्षित होगा। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि केरल में 11 अक्तूबर से लगातार बारिश हो रही है। हालांकि, 18 और 19 अक्तूबर को मौसम में कुछ सुधार हुआ है। एनडीआरएफ की कुल 11 टीमें विभिन्न जिलों में डेरा डाले हुए हैं। भारतीय सेना के जवान भी बचाव अभियान में हिस्सा ले रहे हैं और वायु सेना और नौसेना के हेलीकॉप्टर किसी भी मिशन के लिए तैयार हैं।

सरकार प्रभावित व्यक्तियों को पर्याप्त मुआवजा दे : कांग्रेस
इस बीच, विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए कांग्रेस के बाबू ने सरकार से अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली में सुधार करने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि प्राकृतिक आपदाएं बार-बार आ रही थीं, लेकिन राज्य में चेतावनी प्रणाली विफल रही। सरकार चाहती तो इसकी सूचना पहले दी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार प्रभावित व्यक्तियों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करे।

विस्तार

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में बुधवार को कहा कि राज्य के दक्षिण-मध्य जिलों में हाल ही में अचानक आई बाढ़ और  विनाशकारी भूस्खलन में कुल 42 लोगों की जान चली गई और 217 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए। मुख्यमंत्री पिनाराई ने सदन को बताया कि दक्षिण इलाकों में भारी बारिश में छह लोग लापता हैं और बाढ़ पीड़ितों के लिये 304 पुनर्वास शिविर खोले गए हैं।

इससे पहले बुधवार को सदन की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश की अगुआई में सदन के सदस्यों ने बाढ़ पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद देने के वादे के साथ विधानसभा अध्यक्ष एमबी राजेश ने बुधवार को सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। अध्यक्ष राजेश ने सदन को बताया कि विधायकों को बाढ़ राहत कार्यक्रमों के समन्वय के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाना है, इसलिए सत्र को बारिश की ताजा चेतावनी के मद्देनजर अगले दो दिनों के लिए रद्द किया जाता है। सदन की बैठक 25 अक्तूबर से फिर से बुलाई जानी थी।

सरकार शोक संतप्त परिवारों के साथ : मुख्यमंत्री

बारिश से संबंधित आपदाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने विधानसभा में कहा कि अप्रत्याशित त्रासदी न केवल पीड़ितों के परिवार के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए असहनीय थी। विजियन ने कहा कि कई वर्षों तक जीवित रहे 42 लोग अचानक आई चार दिनों की मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में काल के गाल में समा गए। इस हादसे से उनके परिवार के सदस्यों को अपूरणीय क्षति हुई है। सदन उनके दर्द को टूटे हुए दिल से साझा कर रहा है।

यह आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शोक संतप्त परिवारों को कभी नहीं छोड़ेगी। इसकी देखभाल और विचार बचाव और राहत उपायों और उनकी आजीविका की स्थिति की बहाली में परिलक्षित होगा। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि केरल में 11 अक्तूबर से लगातार बारिश हो रही है। हालांकि, 18 और 19 अक्तूबर को मौसम में कुछ सुधार हुआ है। एनडीआरएफ की कुल 11 टीमें विभिन्न जिलों में डेरा डाले हुए हैं। भारतीय सेना के जवान भी बचाव अभियान में हिस्सा ले रहे हैं और वायु सेना और नौसेना के हेलीकॉप्टर किसी भी मिशन के लिए तैयार हैं।

सरकार प्रभावित व्यक्तियों को पर्याप्त मुआवजा दे : कांग्रेस

इस बीच, विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए कांग्रेस के बाबू ने सरकार से अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली में सुधार करने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि प्राकृतिक आपदाएं बार-बार आ रही थीं, लेकिन राज्य में चेतावनी प्रणाली विफल रही। सरकार चाहती तो इसकी सूचना पहले दी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार प्रभावित व्यक्तियों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करे।

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