प्रतीकात्मक तस्वीर
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एक समय था जब लोगों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन आज के समय में डिजिटल पेमेंट ने इस प्रक्रिया को बेहद ही आसान बना दिया है। चाहे किसी को पैसे भेजने हों या कहीं से पैसे मंगाने हों, डिजिटल पेमेंट की सुविधा है तो सबकुछ आपके हाथ में है। इसमें समय की भी बचत है, यानी मिनटों में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। यह सुरक्षित भी है। यही वजह है कि सरकार भी डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देते हुए डिजिटल पेमेंट पर ज्यादा जोर दे रही है। आजकल तो डिजिटली पैसे ट्रांसफर करने के कई तरीके उपलब्ध हैं। बहुत से लोग फोन-पे, पेटीएम, डिजिटल वॉलेट, यूपीआई आदि का इस्तेमाल करके पैसे ट्रांसफर करते हैं। इसके अलावा NEFT, RTGS और IMPS के जरिये भी लोग पैसे ट्रांसफर करते हैं। आइए जानते हैं फंड ट्रांसफर करने के इन तीनों तरीकों के बीच का अंतर…
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NEFT का मतलब नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर होता है। यह एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये एक बैंक अकाउंट से किसी भी दूसरे बैंक अकाउंट में आसानी से और सुरक्षित तरीके से पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। ट्रांजैक्शन की पुष्टि ईमेल और SMS के माध्यम से मिल जाती है। खास बात ये है कि आप यह काम घर बैठे ही आसानी से कर सकते हैं। हालांकि इस ट्रांसफर में थोड़ा समय लगता है।
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RTGS का मतलब रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट होता है। इसके जरिये अगर आप फंड ट्रांसफर करते हैं तो पैसा तत्काल बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। ज्यादा फंड ट्रांसफर करने और समय पर पैसा पहुंचाने के लिए आप इस प्रक्रिया को अपना सकते हैं।
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IMPS का मतलब इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विस होता है। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इसके जरिये फंड ट्रांसफर करने पर पैसा तुरंत ट्रांसफर हो जाता है। खास बात ये है कि यह सुविधा सालोंभर 24×7 उपलब्ध रहती है। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप फंड ट्रांसफर के लिए कौन सा तरीका अपनाते हैं, लेकिन यह जरूर जान लीजिए ये सभी तरीके एकदम सुरक्षित हैं।