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केरल : ईसाई महिला की मुस्लिम नेता से शादी पर रोक नहीं, हाईकोर्ट का दखल से इनकार, परिजनों ने लगाया 'लव जेहाद' का आरोप

पीटीआई, कोच्चि
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 19 Apr 2022 12:42 PM IST

सार

महिला के परिजन इसे लव जेहाद बता रहे हैं। महिला ने कोर्ट में कहा है कि उसे अवैध रूप से या बंधक बनाकर नहीं रखा गया है। महिला ने यह भी कहा कि वह अपने परिजनों से अभी बात नहीं करना चाहती है। 

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केरल हाईकोर्ट ने एक ईसाई महिला द्वारा एक मुस्लिम डीवाईएफआई नेता से शादी के मामले में दखल से इनकार कर दिया है। इस शादी से राज्य में एक बार फिर ‘लव जेहाद’ को लेकर सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। 

महिला के परिजन इसे लव जेहाद बता रहे हैं। महिला ने कोर्ट में कहा है कि उसे अवैध रूप से या बंधक बनाकर नहीं रखा गया है। महिला ने यह भी कहा कि वह अपने परिजनों से अभी बात नहीं करना चाहती है। हाईकोर्ट के जस्टिस वीजी अरुण व जस्टिस सीएस सुधा की पीठ ने महिला ज्योत्स्ना मैरी जोसेफ से बात करने के बाद कहा कि उसने तय कर लिया है कि वह डीवाईएफआई नेता शेजिन से शादी करेगी। वह अपनी मर्जी से यह कर रही है, उस पर कोई दबाव नहीं है। 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्योत्स्ना अभी अपने परिजनों या परिवार से अभी बात नहीं करना चाहती है। वह बाद में बात करेगी। वह शादी के बाद परिजनों के घर आएगी। शादी के लिए विशेष विवाह कानून के तहत एक आवेदन दायर कर दिया गया है और वह विचाराधीन है। इसे मंजूरी के पहले वह परिजनों से नहीं मिलेगी। 

पीठ ने महिला के परिजनों से यह भी कहा है कि वह उनकी चिंताओं से वाकिफ है, लेकिन उनकी बेटी 26 साल की है और वह अपने फैसले लेने में सक्षम है। यह महिला सऊदी अरब में नर्स है। उसने शादी का फैसला किया है और वह अपना निर्णय बदल नहीं रही है। इसलिए हम उसे कैसे रोक सकते हैं। 

महिला के पिता जोसेफ ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को बंधक बनाया गया है, इसलिए पुलिस को निर्देश दिया जाए कि उसे पेश करे। जोसेफ ने न्यूज चैनल से चर्चा में कहा था कि चूंकि उनकी बेटी घर छोड़कर गई है और उसे किसी से बात नहीं करने दी जा रही है, इसलिए उन्हें लगता है कि डीवाइएफआई नेता ने उसे बंधक बना रखा है। जोसेफ ने यह भी कहा कि उन्हें केरल पुलिस पर भरोसा नहीं है, इसलिए मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराई जाए। 

विस्तार

केरल हाईकोर्ट ने एक ईसाई महिला द्वारा एक मुस्लिम डीवाईएफआई नेता से शादी के मामले में दखल से इनकार कर दिया है। इस शादी से राज्य में एक बार फिर ‘लव जेहाद’ को लेकर सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। 

महिला के परिजन इसे लव जेहाद बता रहे हैं। महिला ने कोर्ट में कहा है कि उसे अवैध रूप से या बंधक बनाकर नहीं रखा गया है। महिला ने यह भी कहा कि वह अपने परिजनों से अभी बात नहीं करना चाहती है। हाईकोर्ट के जस्टिस वीजी अरुण व जस्टिस सीएस सुधा की पीठ ने महिला ज्योत्स्ना मैरी जोसेफ से बात करने के बाद कहा कि उसने तय कर लिया है कि वह डीवाईएफआई नेता शेजिन से शादी करेगी। वह अपनी मर्जी से यह कर रही है, उस पर कोई दबाव नहीं है। 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्योत्स्ना अभी अपने परिजनों या परिवार से अभी बात नहीं करना चाहती है। वह बाद में बात करेगी। वह शादी के बाद परिजनों के घर आएगी। शादी के लिए विशेष विवाह कानून के तहत एक आवेदन दायर कर दिया गया है और वह विचाराधीन है। इसे मंजूरी के पहले वह परिजनों से नहीं मिलेगी। 

पीठ ने महिला के परिजनों से यह भी कहा है कि वह उनकी चिंताओं से वाकिफ है, लेकिन उनकी बेटी 26 साल की है और वह अपने फैसले लेने में सक्षम है। यह महिला सऊदी अरब में नर्स है। उसने शादी का फैसला किया है और वह अपना निर्णय बदल नहीं रही है। इसलिए हम उसे कैसे रोक सकते हैं। 

महिला के पिता जोसेफ ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को बंधक बनाया गया है, इसलिए पुलिस को निर्देश दिया जाए कि उसे पेश करे। जोसेफ ने न्यूज चैनल से चर्चा में कहा था कि चूंकि उनकी बेटी घर छोड़कर गई है और उसे किसी से बात नहीं करने दी जा रही है, इसलिए उन्हें लगता है कि डीवाइएफआई नेता ने उसे बंधक बना रखा है। जोसेफ ने यह भी कहा कि उन्हें केरल पुलिस पर भरोसा नहीं है, इसलिए मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराई जाए। 

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