न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Sat, 20 Nov 2021 10:20 AM IST
सार
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से आंदोलन चल रहा था, लेकिन गुरुनानक देव की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पीएम के इस फैसले का किसान संगठनों ने स्वागत किया है।
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेने का एलान किया। पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक साल से ज्यादा समय से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और अपने खेत व परिवार के बीच लौटने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि अगले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इधर, कुछ किसान संगठनों ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं, किसान संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन खत्म नहीं करने का एलान किया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। संसद सत्र में कानून वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसके बाद ही किसान आंदोलन खत्म करेंगे।
तत्काल खत्म नहीं होगा आंदोलन- टिकैत
टिकैत ने कहा कि हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) पर गारंटी कानून और किसानों से संवाद करने के लिए कमेटी बनाई जाए। टिकैत ने कहा कि 10 हजार से ज्यादा किसानों पर मुकदमे दर्ज हैं उसका क्या होगा। मीठी भाषा को बातचीत में बदलवा करने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने साधा निशाना
कृषि कानून वापस लेने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!