कालीचरण, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 03 Jan 2022 05:34 AM IST
सार
आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत किसी आकलन वर्ष के लिए नियत समय-सीमा के भीतर रिटर्न नहीं भरने पर धारा 234ए के तहत जुर्माना देना पड़ता है।
टैक्स (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : pixabay
वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की नियत तारीख 31 दिसंबर, 2021 निकल चुकी है। अगर आपने अब तक आईटीआर नहीं भरा है तो देय तिथि 31 मार्च, 2022 तक बिलेटेड रिटर्न भर सकते हैं। किसी वित्त वर्ष के लिए रिटर्न भरने की मूल समय-सीमा खत्म होने के बाद बिलेटेड आईटीआर भरने का मौका रहता है। हालांकि, इसके साथ जुर्माना देना पड़ता है।
आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत किसी आकलन वर्ष के लिए नियत समय-सीमा के भीतर रिटर्न नहीं भरने पर धारा 234ए के तहत जुर्माना देना पड़ता है। इस तरह, बिलेटेड आईटीआर 31 मार्च, 2022 तक 5,000 रुपये जुर्माने के साथ भर सकते हैं। पहले जुर्माना राशि 10,000 रुपये थी। अगर करदाता की कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है तो उसे एक हजार रुपये ही जुर्माना देना होगा। आय 2.50 लाख से कम होने पर बिना जुर्माना रिटर्न भर सकते हैं।
31 मार्च तक नहीं भरा तो…
- अगर आप 31 मार्च, 2022 तक भी आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग आपकी टैक्स देनदारी का न्यूनतम 50 फीसदी तक जुर्माना लगा सकता है।
- कम लोग ही जानते हैं कि नियत तारीख तक आईटीआर नहीं भरने पर सरकार करदाता के खिलाफ मुकदमा चला सकती है। जेल में भी डाल सकती है।
- मौजूदा आयकर कानून में न्यूनतम तीन साल की कैद और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
- आयकर विभाग मुकदमा तभी शुरू कर सकता है, जब टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से ज्यादा हो।
जुर्माने के साथ चुकाना होगा ब्याज
रिटर्न नहीं भरने पर जुर्मान की गणना नियत तिथि के तुरंत बाद की तारीख से शुरू होती है। वित्त वर्ष, 2021-22 के लिए नियत तारीख 31 दिसंबर, 2021 थी। इसलिए आईटीआर भरने में जितनी देरी होगी, जुर्माना उतना ही अधिक लगेगा। इसके साथ ब्याज भी देना पड़ेगा। नियत तारीख या उसे पहले रिटर्न नहीं भरने पर 234ए के तहत बकाया टैक्स पर हर माह या इसके कुछ हिस्से के लिए एक फीसदी ब्याद देना पड़ता है। टैक्स नहीं देने पर रिटर्न नहीं भरा जा सकता है।
गलती होने पर संशोधित रिटर्न भरने का मिलता है अवसर
रिटर्न में गलती होने पर संशोधित या रिवाइज्ड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। आकलन वर्ष 2021-22 के लिए संशोधित रिटर्न भरने की अंतिम तारीख भी 31 मार्च, 2022 है। बिलेटेड रिटर्न में हुई चुक के लिए भी संशोधित रिटर्न भर सकते हैं। हालांकि, आखिरी समय पर दाखिल बिलेटेड आईटीआर के लिए संशोधित रिटर्न नहीं भर सकेंगे।
देय तिथि से चूके तो नहीं मिलेगा ब्याज
टेक्स एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन बताते हैं कि अगर आप देय तिथि तक भी रिर्टन दाखिल नहीं करते हैं तो ऐसे में अगर आपने अपनी टैक्स देनदारी से अधिक कर जमा किया है और रिटर्न के हकदार हैं तो आपको रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा। अगर आपने टैक्स देनदारी से कम कर जमा किया है तो ब्याज का भुगतान करना होगा।
विस्तार
वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की नियत तारीख 31 दिसंबर, 2021 निकल चुकी है। अगर आपने अब तक आईटीआर नहीं भरा है तो देय तिथि 31 मार्च, 2022 तक बिलेटेड रिटर्न भर सकते हैं। किसी वित्त वर्ष के लिए रिटर्न भरने की मूल समय-सीमा खत्म होने के बाद बिलेटेड आईटीआर भरने का मौका रहता है। हालांकि, इसके साथ जुर्माना देना पड़ता है।
आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत किसी आकलन वर्ष के लिए नियत समय-सीमा के भीतर रिटर्न नहीं भरने पर धारा 234ए के तहत जुर्माना देना पड़ता है। इस तरह, बिलेटेड आईटीआर 31 मार्च, 2022 तक 5,000 रुपये जुर्माने के साथ भर सकते हैं। पहले जुर्माना राशि 10,000 रुपये थी। अगर करदाता की कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है तो उसे एक हजार रुपये ही जुर्माना देना होगा। आय 2.50 लाख से कम होने पर बिना जुर्माना रिटर्न भर सकते हैं।
31 मार्च तक नहीं भरा तो…
- अगर आप 31 मार्च, 2022 तक भी आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग आपकी टैक्स देनदारी का न्यूनतम 50 फीसदी तक जुर्माना लगा सकता है।
- कम लोग ही जानते हैं कि नियत तारीख तक आईटीआर नहीं भरने पर सरकार करदाता के खिलाफ मुकदमा चला सकती है। जेल में भी डाल सकती है।
- मौजूदा आयकर कानून में न्यूनतम तीन साल की कैद और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
- आयकर विभाग मुकदमा तभी शुरू कर सकता है, जब टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से ज्यादा हो।
जुर्माने के साथ चुकाना होगा ब्याज
रिटर्न नहीं भरने पर जुर्मान की गणना नियत तिथि के तुरंत बाद की तारीख से शुरू होती है। वित्त वर्ष, 2021-22 के लिए नियत तारीख 31 दिसंबर, 2021 थी। इसलिए आईटीआर भरने में जितनी देरी होगी, जुर्माना उतना ही अधिक लगेगा। इसके साथ ब्याज भी देना पड़ेगा। नियत तारीख या उसे पहले रिटर्न नहीं भरने पर 234ए के तहत बकाया टैक्स पर हर माह या इसके कुछ हिस्से के लिए एक फीसदी ब्याद देना पड़ता है। टैक्स नहीं देने पर रिटर्न नहीं भरा जा सकता है।
गलती होने पर संशोधित रिटर्न भरने का मिलता है अवसर
रिटर्न में गलती होने पर संशोधित या रिवाइज्ड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। आकलन वर्ष 2021-22 के लिए संशोधित रिटर्न भरने की अंतिम तारीख भी 31 मार्च, 2022 है। बिलेटेड रिटर्न में हुई चुक के लिए भी संशोधित रिटर्न भर सकते हैं। हालांकि, आखिरी समय पर दाखिल बिलेटेड आईटीआर के लिए संशोधित रिटर्न नहीं भर सकेंगे।
देय तिथि से चूके तो नहीं मिलेगा ब्याज
टेक्स एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन बताते हैं कि अगर आप देय तिथि तक भी रिर्टन दाखिल नहीं करते हैं तो ऐसे में अगर आपने अपनी टैक्स देनदारी से अधिक कर जमा किया है और रिटर्न के हकदार हैं तो आपको रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा। अगर आपने टैक्स देनदारी से कम कर जमा किया है तो ब्याज का भुगतान करना होगा।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...
belated return, belated return for ay 2020-21, Business Diary Hindi News, Business Diary News in Hindi, Business News in Hindi, income tax, income tax belated return, income tax return, Income tax return fine, income tax return last date, income tax return status, itr, आयकर रिटर्न 2020-21, आयकर विभाग