न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुरी
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Sun, 24 Oct 2021 12:51 PM IST
सार
राज्य के स्वामित्व वाले ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के साथ काम करने वाले एक पूर्व संविदा इंजीनियर सरकारी होटल को 15 करोड़ रुपये में बेचने की फिराक में था।
ओडिशा के पुरी में एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) के स्वामित्व वाले होटल को बेचने की फिराक में था। जी हां, राज्य के स्वामित्व वाले ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के साथ काम करने वाले एक पूर्व संविदा इंजीनियर पर आरोप है कि उसने सरकारी होटल को 15 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की और खुद को उस होटल का मालिक भी बताया। आईटीडीसी की सहायक कंपनी उत्कल अशोक होटल कॉरपोरेशन द्वारा स्थापित यह होटल 1988 से पुरी में है। वित्तीय कुप्रबंधन के आरोपों के चलते यह होटल 2005 से बंद है। होटल से विनिवेश के लिए सरकार की बोली पर रोक लगा दी गई है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए ओटीडीसी के एक पूर्व संविदा इंजीनियर ने खुद को आईटीडीसी का अधिकारी बताया और होटल बेचने के लिए पुरी के एक अंडा थोक व्यापारी के साथ 15 करोड़ रुपये में समझौता किया। यह समझौता पिछले साल फरवरी में हुआ। मामले में आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जेएन पंकज ने कहा कि अनिकेश साहू नाम के एक व्यक्ति ने चंदन आकाश मोहंती (ओटीडीसी, भुवनेश्वर में पूर्व संविदा सहायक अभियंता) और एक अन्य व्यक्ति ने पुरी के अंडा थोक व्यापारी तपन कुमार मोहंती को 50 लाख रुपये का धोखा दिया।
डीआईजी ने कहा, ‘जनवरी 2020 में चंदन आकाश मोहंती ने खुद को आईटीडीसी लिमिटेड का एक वरिष्ठ अधिकारी बताया और अनिकेश साहू ने खुद को आईटीडीसी की विभिन्न परियोजनाओं के साथ काम करने वाले ठेकेदार के रूप में प्रस्तुत किया। साहू ने अपने एक दोस्त के माध्यम से तपन कुमार मोहंती से मुलाकात की और उन्हें पुरी में नीलाचल अशोक होटल खरीदने के लिए राजी किया। इसमें 15 करोड़ रुपये का भुगतान और 3 करोड़ रुपये का घूस शामिल था। फरवरी 2020 में आरोपी ने समझौता कराकर पीड़िता से आईटीडीसी के सरकारी खाते में 20 लाख रुपये जमा कराया और उससे 30 लाख रुपये नकद लिया। जब पीड़ित को आईटीडीसी लिमिटेड से कोई जानकारी नहीं मिली, तो उसने महसूस किया कि उसे ठगा गया है। बाद में वह लकवाग्रस्त हो गए, जिससे उनकी याददाश्त चली गई।’
पीड़ित की पत्नी द्वारा ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराने के बाद साहू को कटक से गिरफ्तार किया गया और 419, 420, 467, 468 और 471 सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाया गया। मुख्य आरोपी चंदन आकाश मोहंती को पिछले महीने एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि तीसरे आरोपी बिकाश महाराणा को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। उनका मानना है कि गिरोह में और लोग भी शामल हो सकते हैं।
विस्तार
ओडिशा के पुरी में एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) के स्वामित्व वाले होटल को बेचने की फिराक में था। जी हां, राज्य के स्वामित्व वाले ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के साथ काम करने वाले एक पूर्व संविदा इंजीनियर पर आरोप है कि उसने सरकारी होटल को 15 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की और खुद को उस होटल का मालिक भी बताया। आईटीडीसी की सहायक कंपनी उत्कल अशोक होटल कॉरपोरेशन द्वारा स्थापित यह होटल 1988 से पुरी में है। वित्तीय कुप्रबंधन के आरोपों के चलते यह होटल 2005 से बंद है। होटल से विनिवेश के लिए सरकार की बोली पर रोक लगा दी गई है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए ओटीडीसी के एक पूर्व संविदा इंजीनियर ने खुद को आईटीडीसी का अधिकारी बताया और होटल बेचने के लिए पुरी के एक अंडा थोक व्यापारी के साथ 15 करोड़ रुपये में समझौता किया। यह समझौता पिछले साल फरवरी में हुआ। मामले में आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जेएन पंकज ने कहा कि अनिकेश साहू नाम के एक व्यक्ति ने चंदन आकाश मोहंती (ओटीडीसी, भुवनेश्वर में पूर्व संविदा सहायक अभियंता) और एक अन्य व्यक्ति ने पुरी के अंडा थोक व्यापारी तपन कुमार मोहंती को 50 लाख रुपये का धोखा दिया।
डीआईजी ने कहा, ‘जनवरी 2020 में चंदन आकाश मोहंती ने खुद को आईटीडीसी लिमिटेड का एक वरिष्ठ अधिकारी बताया और अनिकेश साहू ने खुद को आईटीडीसी की विभिन्न परियोजनाओं के साथ काम करने वाले ठेकेदार के रूप में प्रस्तुत किया। साहू ने अपने एक दोस्त के माध्यम से तपन कुमार मोहंती से मुलाकात की और उन्हें पुरी में नीलाचल अशोक होटल खरीदने के लिए राजी किया। इसमें 15 करोड़ रुपये का भुगतान और 3 करोड़ रुपये का घूस शामिल था। फरवरी 2020 में आरोपी ने समझौता कराकर पीड़िता से आईटीडीसी के सरकारी खाते में 20 लाख रुपये जमा कराया और उससे 30 लाख रुपये नकद लिया। जब पीड़ित को आईटीडीसी लिमिटेड से कोई जानकारी नहीं मिली, तो उसने महसूस किया कि उसे ठगा गया है। बाद में वह लकवाग्रस्त हो गए, जिससे उनकी याददाश्त चली गई।’
पीड़ित की पत्नी द्वारा ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराने के बाद साहू को कटक से गिरफ्तार किया गया और 419, 420, 467, 468 और 471 सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाया गया। मुख्य आरोपी चंदन आकाश मोहंती को पिछले महीने एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि तीसरे आरोपी बिकाश महाराणा को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। उनका मानना है कि गिरोह में और लोग भी शामल हो सकते हैं।
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