टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Fri, 21 Jan 2022 04:32 PM IST
सार
GDPR के तहत यूजर्स का पर्सनल डाटा अमेरिका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ वेबसाइट के जरिए डाटा को अमेरिका भेजा रहा जा रहा था। इसमें सबसे बड़ा रोल Google Analytics का था
गूगल को ऑस्ट्रिया में सरकार के एक फैसले से बड़ा झटका लगा है जिसका नुकसान गूगल के अलावा वेबसाइट के मालिक को भी हुआ है। गूगल को यूरोपीय डाटा प्रोटेक्शन कानून (GDPR) के उल्लंघन का दोषी पाया गया है जिसके बाद ऑस्ट्रिया की एक अदालत ने Google Analytics को गैर-कानूनी करार दिया है।
ऑस्ट्रियाई डाटा नियामक ने पिछले सप्ताह अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि यूरोपीय संसद की कोविड-19 परीक्षण वेबसाइट ने Google Analytics की मदद से कुकीज का इस्तेमाल करके GDPR का उल्लंघन किया है।
दरअसल 2020 में कोर्ट ऑफ जस्टिस ऑफ द यूरोपीयन यूनियन पॉलिसीज (CJEU) ने अपने एक फैसले में कहा था कि अमेरिकी वेबसाइट के जरिए यूजर्स का पर्सनल डाटा अधिकारियों या एजेंसियों के साथ शेयर करना GDPR के खिलाफ होगा। सीधे शब्दों में कहें यूरोपियन यूजर का डाटा किसी भी सूरत में अमेरिका को शेयर नहीं किया जा सकता है।
मामला क्यों बिगड़ा?
2020 के बाद से ही अमेरिकी वेबसाइट्स भी GDPR के तहत काम कर रही हैं। GDPR के तहत यूजर्स का पर्सनल डाटा अमेरिका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ वेबसाइट के जरिए डाटा को अमेरिका भेजा रहा जा रहा था। इसमें सबसे बड़ा रोल Google Analytics का था, क्योंकि इसी के जरिए यूजर्स के बारे में जानकारी हासिल की जाती थी।
अब यूरोप और ऑस्ट्रिया की वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल भी बंद करना होगा। अब यदि कोई चुपके से भी गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करता है और पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
विस्तार
गूगल को ऑस्ट्रिया में सरकार के एक फैसले से बड़ा झटका लगा है जिसका नुकसान गूगल के अलावा वेबसाइट के मालिक को भी हुआ है। गूगल को यूरोपीय डाटा प्रोटेक्शन कानून (GDPR) के उल्लंघन का दोषी पाया गया है जिसके बाद ऑस्ट्रिया की एक अदालत ने Google Analytics को गैर-कानूनी करार दिया है।
ऑस्ट्रियाई डाटा नियामक ने पिछले सप्ताह अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि यूरोपीय संसद की कोविड-19 परीक्षण वेबसाइट ने Google Analytics की मदद से कुकीज का इस्तेमाल करके GDPR का उल्लंघन किया है।
दरअसल 2020 में कोर्ट ऑफ जस्टिस ऑफ द यूरोपीयन यूनियन पॉलिसीज (CJEU) ने अपने एक फैसले में कहा था कि अमेरिकी वेबसाइट के जरिए यूजर्स का पर्सनल डाटा अधिकारियों या एजेंसियों के साथ शेयर करना GDPR के खिलाफ होगा। सीधे शब्दों में कहें यूरोपियन यूजर का डाटा किसी भी सूरत में अमेरिका को शेयर नहीं किया जा सकता है।
मामला क्यों बिगड़ा?
2020 के बाद से ही अमेरिकी वेबसाइट्स भी GDPR के तहत काम कर रही हैं। GDPR के तहत यूजर्स का पर्सनल डाटा अमेरिका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ वेबसाइट के जरिए डाटा को अमेरिका भेजा रहा जा रहा था। इसमें सबसे बड़ा रोल Google Analytics का था, क्योंकि इसी के जरिए यूजर्स के बारे में जानकारी हासिल की जाती थी।
अब यूरोप और ऑस्ट्रिया की वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल भी बंद करना होगा। अब यदि कोई चुपके से भी गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल करता है और पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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